-
कृषि मशीनरी निर्माताओं की बैठक
-
4 क्षेत्रीय मेले, 26 जिला स्तरीय मेले और 28 उप-मंडल मेले किए जाएंगे आयोजित
-
कृषि बिजली की उपलब्धता बढ़ाने पर फोकस, रोडमैप तैयार
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और खेती को अधिक आधुनिक बनाने के उद्देश्य से कृषि यांत्रिकीकरण को प्राथमिकता देते हुए नवंबर 2025 से राज्यभर में मेले आयोजित करने की योजना बनाई है। कृषि मशीनरी निर्माताओं की बैठक में 4 क्षेत्रीय मेले, 26 जिला स्तरीय मेले और 28 उप-मंडल स्तरीय मेले आयोजित करने की रूपरेखा तैयार की गई। साथ ही, कृषि बिजली की उपलब्धता बढ़ाने और भविष्य में 3.50 किलोवाट प्रति हेक्टेयर तक पहुंचाने के लिए रोडमैप पर भी विशेष ध्यान दिया गया।
ओडिशा सरकार ने राज्यभर में खेती में बदलाव, उत्पादकता बढ़ाने और किसानों को सशक्त बनाने के लिए कृषि मशीनीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। वर्तमान में, ओडिशा में कृषि बिजली की उपलब्धता 2024-25 तक बढ़कर 2.61 किलोवाट प्रति हेक्टेयर हो गई है, जिसे 2036 तक 3.50 किलोवाट/हेक्टेयर और 2047 तक 4.50 किलोवाट/हेक्टेयर तक पहुंचाने का रोडमैप तैयार किया गया है।
540 करोड़ की सब्सिडी
वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 540 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रावधान किया है, जिसके तहत 1200 करोड़ रुपये के कृषि यंत्र किसानों को वितरित किए जाएंगे। सामान्य वर्ग के किसानों को 40 प्रतिशत, जबकि एससी/एसटी, महिला, लघु और सीमांत किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। महिला स्वयं सहायता समूहों को 75 प्रतिशत और एफआरए पट्टा धारकों को 90 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
पारदर्शिता के लिए डिजिटल व्यवस्था
सरकार ने पारदर्शिता और त्वरित लाभ के लिए कई डिजिटल पहल शुरू की हैं, जिनमें गो-सुगम पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी), अग्रिम भुगतान के लिए 50 हजार रुपये तक का ई-रुपी वाउचर और प्रत्येक उपकरण के लिए यूनिक एसयूआईसी कोड शामिल हैं। इससे किसानों को आसानी से आधुनिक यंत्र मिल सकेंगे और देरी व गड़बड़ियों पर रोक लगेगी।
प्रदेशभर में लगेंगे मेले
कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. अरविंद कुमार पाढ़ी ने बताया कि राज्य में नवंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच कृषि यांत्रिकीकरण मेले आयोजित किए जाएंगे। इसमें 4 क्षेत्रीय मेले (सोनपुर, मयूरभंज, गजपति और नवरंगपुर), 26 जिला स्तरीय मेले और 28 उप-मंडल स्तरीय मेले होंगे। इन आयोजनों के माध्यम से किसानों को सीधे निर्माताओं, डीलरों, स्वयं सहायता समूहों, वित्तीय संस्थानों और सरकारी एजेंसियों से जोड़ा जाएगा। यहां आधुनिक उपकरणों का प्रदर्शन, मौके पर आपूर्ति और आफ्टर-सेल्स सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
निर्माताओं से सक्रिय सहयोग की अपील
कृषि निदेशक शुभम सक्सेना ने कृषि यंत्र निर्माताओं से सक्रिय भागीदारी का आग्रह करते हुए कहा कि वे पर्याप्त स्टॉक बनाए रखें ताकि मौके पर ही किसानों को यंत्र उपलब्ध कराए जा सकें। साथ ही, जीएसटी में की गई कटौती का पूरा लाभ किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें।
बैठक में मुख्य अभियंता विष्णुप्रसाद मिश्र सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। डॉ पाढ़ी ने कहा कि ओडिशा खेती को आधुनिक, लाभकारी और आकर्षक बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है, जिससे मजदूरी की कमी दूर होगी और कृषि कार्य समय पर पूरे हो सकेंगे।