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स्कूल स्तर से ही छात्र विनिमय कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने पर जोर
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केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान यूएई दौरे के दौरे पर पहुंचे
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पहले दिन आबुधाबी के शिक्षा एवं ज्ञान विभाग की अध्यक्ष सारा मुसल्लम से सीधी बातचीत
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आईआईटी दिल्ली–आबुधाबी कैंपस का दौरा कर अटल इनक्यूबेशन सेंटर का किया उद्घाटन
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पीएचडी और बी-टेक कार्यक्रमों की की शुरुआत
भुवनेश्वर/आबुधाबी। भारत और यूएई के बीच शिक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दो दिवसीय यूएई दौरे पर हैं। इस दौरान अपनी यात्रा के पहले दिन उन्होंने आईआईटी दिल्ली- आबुधाबी कैंपस का दौरा किया और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
आबुधाबी पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री का आईआईटी दिल्ली कैंपस में स्वागत किया गया। उनकी उपस्थिति में कैंपस की वर्तमान रूपरेखा और भविष्य की योजनाओं पर एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विदेश में पहली बार कैंपस परिसर में ‘अटल इनक्यूबेशन सेंटर’ का उद्घाटन करते हुए पीएचडी और बी-टेक कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। प्रधान ने छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत कर कैंपस के विकास कार्यों की सराहना की और कहा कि आबुधाबी में स्थापित यह कैंपस आईआईटी दिल्ली की गौरवशाली परंपरा को प्रतिबिंबित करता है। यह ज्ञान और अनुसंधान के साथ भारत-यूएई शिक्षा सहयोग का एक “लाइटहाउस” बनकर उभरा है।
केंद्रीय मंत्री ने आबुधाबी के शिक्षा और ज्ञान विभाग की अध्यक्ष सारा मुसल्लम से भी मुलाकात की और शिक्षा संबंधी प्राथमिकताओं पर चर्चा की। उन्होंने आबुधाबी में आईआईटी दिल्ली कैंपस की स्थापना तथा यूएई में भारतीय पाठ्यक्रम अपनाने वाले विद्यालयों को दिए जा रहे सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। बैठक के दौरान प्रधान ने भारत में स्कूल स्तर पर स्थापित अटल टिंकरिंग लैब्स की सफलता साझा की और यूएई के भारतीय विद्यालयों में अटल इनोवेशन लैब्स के कार्यान्वयन पर भी जोर दिया।
चर्चा में प्रवासी भारतीयों की शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए यूएई में और अधिक भारतीय पाठ्यक्रम-आधारित विद्यालय खोलने पर भी विचार हुआ। बैठक में स्कूल स्तर से ही छात्र विनिमय कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने पर विशेष बल दिया गया। प्रधान ने शिक्षा और ज्ञान विभाग की अध्यक्ष के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षा भारत-यूएई संबंधों का सबसे मजबूत स्तंभ बनेगी।
अपने इस दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री यूएई के शीर्ष नेतृत्व, मंत्रियों, नीति-निर्माताओं, शिक्षाविदों और भारत-यूएई संस्थानों के प्रतिनिधियों से शिक्षा, नवाचार और ज्ञान आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।