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मंत्रिमंडल के फैसले से पंचायत प्रतिनिधियों की शक्तियां होंगी सीमित
भुवनेश्वर। ओडिशा की भाजपा सरकार ने बुधवार को ब्लॉक विकास अधिकारियों (बीडीओ) और विभिन्न स्तरों के सरकारी इंजीनियरों की वित्तीय शक्तियों में वृद्धि करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इस कदम से पंचायत समितियों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, जिन पर फिलहाल बीजद का वर्चस्व है, की शक्तियों में कमी आएगी। माना जा रहा है कि इस फैसले से राज्य में नई राजनीतिक खींचतान शुरू होगी।
बीडीओ की शक्तियों में बड़ा इजाफा
मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने बताया कि पंचायत समिति कार्यों के लिए बीडीओ की बिल पास करने की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। अब इसके लिए समिति अध्यक्ष की सहमति जरूरी नहीं होगी।
सामान्य विकास योजनाओं में बीडीओ 20 लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे सकेंगे, जबकि पंचायत समिति अध्यक्ष 50 लाख तक और जिला परिषद के कार्यपालक अधिकारी 50 लाख से ऊपर के प्रोजेक्ट को मंजूरी देंगे।
इंजीनियरों की तकनीकी मंजूरी सीमा भी बढ़ी
सामान्य विकास योजनाओं (मनरेगा छोड़कर) में जूनियर/सहायक इंजीनियर अब 5 लाख रुपये तक, सहायक कार्यपालक इंजीनियर 5 लाख से 20 लाख रुपये तक, कार्यपालक इंजीनियर 20 लाख से 1 करोड़ रुपये तक, अधीक्षण इंजीनियर 1 करोड़ से 4 करोड़ रुपये तक और 4 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट को मुख्य अभियंता मंजूरी देंगे। मनरेगा के तहत 5 लाख रुपये तक की तकनीकी मंजूरी पंचायत तकनीकी सहायक देंगे, जबकि अन्य इंजीनियरों की शक्ति वही रहेगी।