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800 एकड़ भूमि पर बनेगा आधुनिक और समावेशी नगर
भुवनेश्वर। ओडिशा मंत्रिमंडल ने भुवनेश्वर विकास योजना क्षेत्र में नये शहर विकास योजना को सिद्धांतगत मंजूरी प्रदान की। इस योजना के तहत गोठपाटणा, मालीपड़ा और दासपुर मौजा की लगभग 800 एकड़ भूमि पर एक आधुनिक और बहु-आर्थिक विकास क्षेत्र स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना राज्य की दीर्घकालीन विकास दृष्टि ‘विकसित ओडिशा 2026’ से जुड़ी है।
सभी वर्गों के लिए आवास की सुविधा
नये शहर को यातायात आधारित विकास मॉडल पर तैयार किया जाएगा। इसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ बनाना, यात्रा दूरी को घटाना और भूमि उपयोग का समुचित संतुलन सुनिश्चित करना है। योजना के अंतर्गत सभी आय वर्गों के लिए आवश्यकतानुसार और सामर्थ्य के अनुसार आवास की व्यवस्था की जाएगी।
अत्याधुनिक संरचना और सामाजिक स्थल
इस नये शहर में आधुनिक ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें सम्मेलन केंद्र, शोध और नवाचार केंद्र तथा आंकड़ा प्रबंधन केंद्र शामिल होंगे। विशेष महत्व सार्वजनिक सहभागिता को बढ़ाने पर दिया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय वन उद्यान, प्रवेश द्वार चौक और पर्याप्त सार्वजनिक खुले स्थान विकसित किये जाएंगे ताकि नागरिकों की सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
हरित और टिकाऊ ढांचे पर जोर
परियोजना में जलवायु सहनशीलता और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु हरित और बुद्धिमत्तापूर्ण ढाँचे को जोड़ा जाएगा। इससे नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। इस योजना के कार्यान्वयन की मुख्य ज़िम्मेदारी भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण को सौंपी गई है, जो विभिन्न स्तरों पर प्रारम्भिक क्रियान्वयन की प्रक्रिया में है।
दीर्घकालीन निवेश योजना
भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण और सिंगापुर की सुरबाना जुरोंग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के बीच सन् 2020 में एक समझौता हुआ था। इस साझेदारी के तहत सुरबाना जुरोंग संस्था मुख्य योजना तैयार करने और नगरीय ढांचे के विकास में परामर्श उपलब्ध कराएगी।
15 वर्षों में लगभग 8,179 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित
योजना के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए अगले 15 वर्षों में लगभग 8,179 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की भागीदारी होगी। इसके प्रारम्भिक पांच वर्षों (2025-26 से 2029-30) के लिए राज्य बजट से 1,342 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है, जिसे भूमि अधिग्रहण, सड़क निर्माण, मूलभूत सेवाओं, सार्वजनिक सुविधाओं और प्रशासनिक प्रबंधन पर खर्च किया जाएगा।