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ड्रॉपआउट दर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर चिंता
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24 प्रतिशत आदिवासी बच्चे बीच में छोड़ते हैं पढ़ाई
भुवनेश्वर। राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस समारोह पर शुक्रवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शिक्षा क्षेत्र की दो प्रमुख चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि स्कूलों में ड्रॉपआउट दर को कम करना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना आज सबसे बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार लगभग 24 प्रतिशत आदिवासी बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने शहीद माधो सिंह हाथ खर्चा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत अब तक तीन लाख से अधिक छात्रों को लाभ मिला है और ड्रॉपआउट दर में उल्लेखनीय कमी आई है।
प्राथमिक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चुनौती
सीएम माझी ने कहा कि प्राथमिक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना अभी भी एक कठिन कार्य है। पिछली सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भारी कमी और शैक्षिक ढांचे को मजबूत करने पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से आई नई दिशा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हालात बदल रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के लागू होने से शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिल रही है। यह नीति पांच साल पहले लागू होनी चाहिए थी, लेकिन 2025 से इसका प्रभावी क्रियान्वयन शुरू हुआ है।
शिक्षा में सुधार के प्रति सरकार प्रतिबद्ध
सीएम माझी ने स्पष्ट किया कि सरकार ड्रॉपआउट दर को और कम करने तथा सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।