-
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर हुआ विशेष विमर्श
-
अतिबड़ी जगन्नाथ दास जयंती को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने की मांग
भुवनेश्वर। देश के अग्रणी साहित्यिक संगठन अखिल भारतीय साहित्य परिषद, ओडिशा की ओर से आज महापुरुष अतिबड़ी जगन्नाथ दास की जयंती अवसर पर परिषद का वार्षिक उत्सव एवं युवा साहित्यिक सम्मेलन स्थानीय क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के सभागार में आयोजित किया गया।
इस अवसर का उद्घाटन प्रख्यात साहित्यकार पूज्य सन्त श्रीमद् सनत सुजातानन्द दास महाराज ने किया। कार्यक्रम में परिषद अध्यक्ष डॉ अभय कुमार नायक, महासचिव डॉ संतोष कुमार महापात्र, संगठन मंत्री नारायण नायक, तिरुपति केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ सत्य नारायण आचार्य, सामन्त चन्द्रशेखर महाविद्यालय के ओड़िया विभागाध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार स्वाईं, बौध मॉडल डिग्री कॉलेज के ओड़िया विभागाध्यक्ष डॉ कल्पतरु नायक, वरिष्ठ साहित्यकार अरुण कुमार साहू सहित अनेक विद्वानों ने ओड़िया भागवत, अतिबड़ी जगन्नाथ दास के साहित्य तथा राष्ट्र निर्माण में युवा साहित्यकारों की भूमिका पर विचार व्यक्त किए।
वक्ता गणों ने कहा कि जगन्नाथ दास ओड़िया साहित्य के सर्वोच्च प्रतिभा थे और उनकी जयंती को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती प्रतिभा प्रियदर्शिनी, डॉ रघुनाथ ओझा, डॉ अनुप कुमार मार्था और भेंकट बालाजी विश्वनाथ शतपथी ने किया। इस अवसर पर डॉ निरोद कुमार मंत्री को युवा प्रतिभा सम्मान और अध्यापिका झरना नाथ को युवा सौरभ सम्मान से सम्मानित किया गया।
अतिथियों द्वारा परिषद की मुखपत्रिका दिग दिगन्त, गोपीनाथ षाड़ंगी की चिकित्सा मंजरि, डॉ निरोद कुमार मंत्री की आधुनिक ओड़िया साहित्य का इतिहास, कवि बिपिन बिहारी राउत की कान्ध सहित अन्य कई काव्य कृतियों का लोकार्पण किया गया।
सम्मेलन में 20 युवा शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए तथा ओडिशा के विभिन्न जिलों से लगभग 200 युवा साहित्यकार, कवि, निबंधकार, स्तंभकार एवं शोधार्थियों ने भाग लिया।