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भद्रक तट से निकली नाव बीच समुद्र में डूबी
 
भद्रक। ओडिशा के चार मछुआरों के लिए मछली पकड़ने का सफर जिंदगी और मौत की जंग में बदल गया। बासुदेवपुर ब्लॉक के चूदामणि मछली पकड़ने वाले घाट से 21 अगस्त को निकली मोटरचालित नाव समुद्र में खराबी आने के बाद बह गई और 24 अगस्त को टूटकर डूब गई।
जानकारी के अनुसार नाव में अचानक तकनीकी खराबी आ गई और इंजन बंद हो गया। मछुआरों ने पाल और लंगर का सहारा लेकर उसे नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन तेज धाराओं ने नाव को बहा दिया। तीन दिन तक नाव समुद्र में भटकती रही और आखिरकार टूटकर डूब गई।
चारों मछुआरे किसी तरह लकड़ी और तैरने वाले टुकड़ों का सहारा लेकर पानी में डटे रहे। भूख, प्यास और थकान से जूझते हुए उन्होंने पांच दिन तक लहरों का सामना किया।
सुनामुही तट के पास मिली जिंदगी
27 अगस्त की रात मछुआरे किसी तरह तैरते-तैरते नयागढ़ जिले के सुनामुही जंगल के पास तट तक पहुंचने में सफल रहे। स्थानीय लोगों ने उन्हें देखा और बचाकर तुरंत बासुदेवपुर मेडिकल सेंटर पहुंचाया।
हालत स्थिर, डॉक्टरों ने किया डिस्चार्ज
डॉक्टरों ने बताया कि चारों की हालत स्थिर है और इलाज के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। नाव मालिक नटवर मलिक ने कहा कि अचानक आई तकनीकी खराबी के कारण नाव का संतुलन बिगड़ गया और अंततः वह समुद्र में डूब गई।
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