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बालेश्वर, भद्रक और जाजपुर में हजारों लोग अब भी प्रभावित
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सुवर्णरेखा नदी से बालेश्वर में तबाही
भुवनेश्वर। बारिश थमने के बावजूद ओडिशा में बाढ़ की त्रासदी कम होने का नाम नहीं ले रही है। बालेश्वर, भद्रक और जाजपुर जिलों में हजारों लोग अब भी जलजमाव और तबाही झेल रहे हैं। खेतों से लेकर घर तक डूबे हुए हैं और लोगों की जिंदगी पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई है।
बालेश्वर जिले में सुवर्णरेखा नदी ने एक बार फिर बाढ़ का रूप धारण कर लिया है। गांव, सड़कें, घर और खेत जलमग्न हो गए हैं। अनुमान के अनुसार 10,000 हेक्टेयर से अधिक धान की फसल नष्ट हो गई है, जिससे किसानों को गंभीर आर्थिक झटका लगा है। जहां पानी उतरना शुरू हुआ है, वहां टूटे घर, बर्बाद फसलें और बेघर परिवार त्रासदी की गवाही दे रहे हैं।
भद्रक और जाजपुर की स्थिति भी गंभीर
भद्रक जिले में बैतरणी नदी का पानी धीरे-धीरे घट रहा है, लेकिन लोगों की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं। धान के साथ सब्जी की फसलें भी पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। जाजपुर जिले के दशरथपुर क्षेत्र में कानी नदी का तटबंध टूटने से सैकड़ों घर जलमग्न हो गए। हजारों लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं और अब तक 6,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित शिविरों में पहुंचाया गया है।
राहत और पुनर्वास ही बड़ी चुनौती
बारिश थम गई है, लेकिन बाढ़ से हुई तबाही ने लोगों को लंबे संघर्ष के लिए मजबूर कर दिया है। किसानों और प्रभावित परिवारों के लिए राहत और पुनर्वास की तत्काल आवश्यकता है। बर्बाद फसलें और ढहे घर ग्रामीणों की हताशा और असहायता को और गहरा कर रहे हैं।