Home / Odisha / ओडिशा में 3,000 से अधिक प्राचीन धरोहरों की सुरक्षा को बनेगी हेरिटेज नीति

ओडिशा में 3,000 से अधिक प्राचीन धरोहरों की सुरक्षा को बनेगी हेरिटेज नीति

  •     पहले चरण में 75 प्रमुख स्थलों का होगा संरक्षण

  •     पर्यटन ढांचे को भी मिलेगा नया रूप

  •     संस्कृति विभाग इस नीति का तैयार करेगा मसौदा

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार 3,000 से अधिक ऐतिहासिक स्मारकों और धरोहर स्थलों की रक्षा और संरक्षण के लिए जल्द ही एक ‘हेरिटेज नीति’ लाने जा रही है। यह निर्णय उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया।

संस्कृति विभाग इस नीति का मसौदा तैयार करेगा और इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेगा। पर्यटन विभाग की ओर से पहले चरण में 75 महत्वपूर्ण धरोहर स्थलों की पहचान की जाएगी, जहां संरक्षण कार्य को प्राथमिकता दी जाएगी।

पर्यटन सुविधाओं का होगा विकास

नीति का उद्देश्य सिर्फ संरक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इन स्थलों पर पर्यटन सुविधाओं को भी उन्नत किया जाएगा। स्वच्छता, मूलभूत ढांचे और आधुनिक सुविधाओं से इन धरोहर स्थलों को देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए और आकर्षक बनाया जाएगा।

लापता मूर्तियों की होगी बहाली

उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने कहा कि राज्य की कई धरोहरें ईसा पूर्व 9वीं शताब्दी की हैं। कई स्थलों से महत्वपूर्ण मूर्तियां और कलाकृतियां गायब मिली हैं, जिन्हें बहाली की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। इसके लिए एक विशेष टास्क फोर्स बनाई जाएगी।

विश्वस्तरीय रूपांतरण की योजना

उन्होंने आगे कहा कि तीन विभागों के सम्मिलन और उपलब्ध संसाधनों के उपयोग से 3,000 से अधिक धरोहर स्थलों का संरक्षण और विश्वस्तरीय रूपांतरण किया जाएगा। यह नीति न सिर्फ ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा करेगी बल्कि राज्य को स्थायी पर्यटन के नए आयाम भी देगी।

Share this news

About desk

Check Also

ओडिशा सरकार का ग्रामीण विकास पर फोकस

 कनेक्टिविटी मजबूत करने को बनेगी 500 किमी आपदा-रोधी ग्रामीण सड़कें  1,000 करोड़ की लागत से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *