Home / Odisha / जनजातीय बालिकाओं के लिए ओडिशा में शुरू होगा कैडेट पायलट कार्यक्रम

जनजातीय बालिकाओं के लिए ओडिशा में शुरू होगा कैडेट पायलट कार्यक्रम

  •     मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की ऐतिहासिक घोषणा

  •     पूर्वी क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्र ने दिया सहयोग का भरोसा

  •     भुवनेश्वर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थापित होगी आधुनिक एमआरओ सुविधा

  •     एयर वर्क्स के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

भुवनेश्वर। ओडिशा की बेटियों को आसमान में उड़ान भरने का अवसर देने के लिए राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य जल्द ही कैडेट पायलट कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है, जिसके अंतर्गत विशेष रूप से जनजातीय बालिकाओं को पायलट बनने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल देश में समावेशिता की दिशा में एक मिसाल मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भुवनेश्वर में आयोजित पूर्वी क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में की।

बी-मान योजना के अंतर्गत पहल

मुख्यमंत्री माझी ने बताया कि यह योजना राज्य की महत्वाकांक्षी बी-मान परियोजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह केवल पायलट प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास का भी एक बड़ा अवसर बनेगा।

भुवनेश्वर हवाईअड्डे पर होगा अत्याधुनिक एमआरओ केंद्र

इस अवसर पर राज्य सरकार ने एयर वर्क्स कंपनी के साथ समझौता किया, जिसके तहत भुवनेश्वर स्थित बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अत्याधुनिक एमआरओ (रख-रखाव, मरम्मत और पुनर्निर्माण) केंद्र की स्थापना होगी। इस केंद्र के जरिए न केवल विमानन क्षेत्र की तकनीकी सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार भी मिल सकेगा।

पुरी और झारसुगुड़ा में बड़े विस्तार की योजना

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में राज्य की व्यापक विमानन रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि पुरी में विश्व स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण हो रहा है, जो जगन्नाथ भक्तों के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक द्वार बनेगा। इसके साथ ही झारसुगुड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भूमि का प्रबंध किया जा चुका है।

बिरासल में स्थापित होगा विश्वस्तरीय विमानन प्रशिक्षण केंद्र

पिछले 14 महीनों में ओडिशा के हवाई अड्डों को 15 नए गंतव्यों से जोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त ढेंकानाल जिले के बिरासल में विश्व स्तरीय विमानन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की भी योजना है।

अनुपयोगी हवाई पट्टियों और हेलीपोर्ट का विकास

राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश की 14 अनुपयोगी हवाई पट्टियों को हवाई अड्डों में विकसित किया जाएगा। साथ ही 15 ऐसे जिलों में हेलीपोर्ट बनाए जाएंगे, जहां वर्तमान में हवाई अड्डे की सुविधा नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विमानन केवल हवाईअड्डे या सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सपनों को अवसरों से जोड़ने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का माध्यम है। ओडिशा केवल अधोसंरचना नहीं बना रहा, बल्कि अवसर और सपने भी गढ़ रहा है।

केंद्र ने दिया पूरा सहयोग का भरोसा

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार ओडिशा की विमानन योजनाओं में हरसंभव सहयोग करेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस दृष्टि को दोहराया जिसमें आमजन के लिए सुलभ हवाई यात्रा सुनिश्चित करने की बात कही गई है। कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल, ओडिशा के वाणिज्य व परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना और छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओम प्रकाश चौधरी भी मौजूद रहे।

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