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सुवर्णरेखा में छठी बार बाढ़, हजारों लोग बेघर
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खतरे के निशान से ऊपर नदी का जलस्तर
भुवनेश्वर। उत्तरी ओडिशा में लगातार हो रही बारिश से सुवर्णरेखा नदी में इस वर्ष छठी बार बाढ़ आ गई है। बालेश्वर और भद्रक जिलों के कई हिस्सों में हालात गंभीर बने हुए हैं। धान और सब्जियों की विशाल फसलें पानी में डूब चुकी हैं, वहीं नदी तटवर्ती गांवों में जलस्तर सामान्य से चार फीट ऊपर तक पहुंच गया है।
सुबह 8 बजे मापे गए आंकड़ों के अनुसार सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर 10.80 मीटर तक पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 10.36 मीटर है। इस कारण नदी को हाई-रिस्क जोन में डाल दिया गया है। बस्ता, बलियापाल, जालेश्वर और भोगराई प्रखंडों के निचले इलाकों में हालात और बिगड़ गए हैं। कई गांव चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
गांवों का संपर्क टूटा, हजारों लोग प्रभावित
भोगराई प्रखंड में दस हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। कम से कम पांच पंचायतें बाहरी दुनिया से कट चुकी हैं। दर्जनभर से अधिक गांवों में भारी जलभराव है। मनुनगर, गाबगन और कुसुदा जैसे गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह टूट गया है। बलियापाल, भोगराई और रसूलपुर के बीच सड़कें बाढ़ के दबाव से ध्वस्त हो चुकी हैं।
अपने घर छोड़ रहे हैं मजबूर लोग
बाढ़ का पानी लगातार घरों के भीतर घुस रहा है। मजबूर होकर लोग अपने घर छोड़ रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बाढ़ का बहाव इतना तेज है कि पूरा गांव डूबता जा रहा है। प्रशासन को आशंका है कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश जारी रही तो स्थिति और खराब हो सकती है।
राहत व बचाव कार्य जारी
स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने विशेष टीमें तैनात की हैं। बालेश्वर में 14 सदस्यीय अग्निशमन दल लगाया गया है, जबकि भद्रक जिले में नौ सदस्यीय बचाव टीम काम कर रही है। बलियापाल और भोगराई में राहत और निकासी अभियान के लिए अतिरिक्त दल भेजे गए हैं।
फसलों में भारी नुकसान
भोगराई और बलियापाल के खेत पूरी तरह डूब गए हैं। धान और सब्जियों की खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है। किसान लगातार बाढ़ की मार झेल रहे हैं और अब छठी बार आई आपदा ने उनकी उम्मीदें तोड़ दी हैं। किसानों का कहना है कि बिना सरकार की तत्काल मदद के वे नुकसान से उबर नहीं पाएंगे।