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300 नए पद होंगे सृजित
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अत्याधुनिक ट्रेनिंग सेंटर और 112 मेडिकल इमरजेंसी सेवा की शुरुआत
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911 नए फायर फाइटर्स को मिली जिम्मेदारी
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य की फायर सर्विसेज को और मजबूत बनाने के लिए बड़े सुधारों और क्षमता निर्माण की घोषणा की है। इसके तहत इस वर्ष दिसंबर तक 300 अतिरिक्त फायर फाइटर्स की भर्ती, उन्नत प्रशिक्षण अवसंरचना और 112 हेल्पलाइन के तहत इमरजेंसी मेडिकल रिस्पांस सेवा का विस्तार किया जाएगा।
शनिवार को भुवनेश्वर स्थित बरमुंडा फायर ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित 61वें पासिंग आउट परेड में मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। इस मौके पर 911 नए फायर फाइटर्स औपचारिक रूप से ओडिशा फायर सर्विसेज विभाग से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष 300 रिक्तियों को भी शीघ्र भरा जाएगा। साथ ही, सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं पर निवेश कर रही है, ताकि फायर फाइटर्स को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण मिल सके।
रामचंडी में बनेंगे वर्ल्ड-क्लास ट्रेनिंग सेंटर
सरकार ने बताया कि कोणार्क के निकट रामचंडी में 10 करोड़ रुपये की लागत से एडवांस्ड सिम्युलेटर ड्रिल सेंटर, 12 करोड़ रुपये का राष्ट्रीय स्तर का वाटर रेस्क्यू और लाइफसेविंग ट्रेनिंग सेंटर तथा 10 करोड़ रुपये का स्कूबा डाइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इससे समुद्रतटीय और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की क्षमता बढ़ेगी।
112 हेल्पलाइन से जुड़ेगी एंबुलेंस सेवा
शुक्रवार को राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि यूनिवर्सल 112 हेल्पलाइन के माध्यम से अब एंबुलेंस सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। इसमें फायर सर्विसेज को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
नव-भर्ती फायर फाइटर्स को आधुनिक इमरजेंसी मेडिकल प्रोटोकॉल की ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वे सड़क हादसों और ग्रामीण स्वास्थ्य आपात स्थितियों में फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में काम कर सकें। फायर सर्विस निदेशालय को इसके लिए एंबुलेंस वाहनों से सुसज्जित किया गया है।
10 साल बाद बड़ी भर्ती
गौरतलब है कि लगभग एक दशक बाद इतनी बड़ी संख्या में नए फायर फाइटर्स की भर्ती हुई है। इससे पहले आखिरी बार बड़ी भर्ती अभियान दस वर्ष पूर्व चला था। नई भर्तियों और उन्नत सुविधाओं के साथ ओडिशा की फायर सर्विस केवल फायर फाइटिंग ही नहीं, बल्कि रेस्क्यू और मेडिकल इमरजेंसी रिस्पॉन्स में भी एक समग्र आपदा प्रबंधन बल के रूप में उभरेगी।