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सुवर्णरेखा और बैतरणी नदियां खतरे के निशान से ऊपर
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निचले इलाकों में जलभराव की आशंका
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झारखंड की बारिश से उफनी सुवर्णरेखा
भुवनेश्वर/बालेश्वर। उत्तरी ओडिशा में लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ की आशंका को और गहरा दिया है। सुवर्णरेखा और बैतरणी, दोनों प्रमुख नदियां रविवार सुबह खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। इससे निचले इलाकों में फिर से जलभराव और ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है।
जल संसाधन विभाग के अनुसार, बालेश्वर जिले के राजघाट में सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर सुबह 7 बजे 10.48 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 10.36 मीटर और चेतावनी स्तर 9.45 मीटर से अधिक है। अधिकारियों ने बताया कि नदी का जलस्तर झारखंड में हुई तेज बारिश और गालूडीह बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण बढ़ा है।
गौरतलब है कि यह 2025 में छठा मौका है जब सुवर्णरेखा नदी ने खतरे का स्तर पार किया है। इससे पहले भी बालियापाल, जालेश्वर और भोगराई ब्लॉकों में कई बार बाढ़ की स्थिति बनी, जिसके चलते गांवों में फसल नुकसान, मकानों की क्षति और बार-बार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा।
भद्रक में बैतरणी भी खतरे के निशान से ऊपर
भद्रक जिले के अखुआपड़ा में बैतरणी नदी का जलस्तर 18.42 मीटर दर्ज किया गया, जबकि इसका खतरे का निशान 18.33 मीटर है। अधिकारियों ने बताया कि अभी भी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, क्योंकि ऊपरी इलाकों से पानी लगातार आ रहा है।
चांदबाली और धामनगर ब्लॉकों के बाढ़-प्रवण पंचायतों पर प्रशासन की पैनी नजर है। इन क्षेत्रों में पहले कई बार तटबंध टूटने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे स्थानीय लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
आईएमडी का रेड अलर्ट
उधर, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र सक्रिय है, जो अगले 24 घंटों में झारखंड की ओर बढ़ेगा। इसके प्रभाव से 27 अगस्त तक ओडिशा के अधिकांश हिस्सों में भारी वर्षा की संभावना है।
आईएमडी ने सुंदरगढ़ जिले के लिए रेड वार्निंग जारी की है, जबकि केंदुझर, मयूरभंज, संबलपुर और झारसुगुड़ा में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। साथ ही, कई उत्तरी जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और 30–40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का भी अलर्ट जारी किया गया है।
ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश से जलस्तर में तेज वृद्धि
जल संसाधन विभाग के प्रधान अभियंता चंद्रशेखर पाढ़ी ने बताया कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में तेज़ वृद्धि हुई है। बीते 24 घंटों में केवल बैतरणी बेसिन में 42.57 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि अपर ब्राह्मणी में 35 मिमी और हीराकुद क्षेत्र में 31 मिमी वर्षा हुई। उन्होंने कहा कि केंदुझर और झारखंड क्षेत्र को शामिल करने वाले बैतरणी बेसिन में भारी बारिश हुई है। इसी प्रकार अपर ब्राह्मणी और हीराकुद में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई है। इसके चलते सुवर्णरेखा और बैतरणी नदियों में बाढ़ की संभावना प्रबल है।
हीराकुद बांध के 12 गेट खोले गए
अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए हीराकुद बांध के 12 गेट खोले गए हैं। हालांकि अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि महानदी नदी में फिलहाल बड़े बाढ़ का ख़तरा नहीं है। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और निचले क्षेत्रों को सतर्क रहने तथा प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।