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जर्जर दीवारें और कमजोर छतें बन रहीं जानलेवा खतरा
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प्रशासन ने हाईकोर्ट को दी जानकारी
कटक। जिले में 221 इमारतों को असुरक्षित घोषित किया गया है। इनमें से कई भवनों की दीवारों से पलस्तर झड़ रहा है और छतें कमजोर हो चुकी हैं, जिससे वहां रह रहे लोगों की जान को गंभीर खतरा है।
जिला प्रशासन ने इन खतरनाक इमारतों की जानकारी ओडिशा हाईकोर्ट को दी है और संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी की है। इनमें आठ सरकारी और दो निजी स्वामित्व वाली इमारतें शामिल हैं। कानून के मुताबिक ऐसे भवनों को खाली कराकर ध्वस्त करना अनिवार्य है।
कटक कलेक्टर ने मीडिया को दी गई जानकारी में बताया है कि 200 से अधिक घरों की पहचान की गई है। इन्हें चरणबद्ध तरीके से तोड़ा जाएगा। जहां विकास कार्य चल रहे हैं या इमारतें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं, उन्हें पहले तोड़ा जाएगा।
अब तक की कार्रवाई
अब तक 15 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन सिर्फ दो संस्थानों ने नोटिस का जवाब दिया है। वाणिज्य कर और जीएसटी विभाग ने पुष्टि की है कि बदामबाड़ी न्यू एलआईसी कॉलोनी में स्थित 72 जर्जर क्वार्टर पहले ही खाली करा दिए गए हैं। वहीं, आर एंड बी विभाग को तोड़फोड़ का अनुमान तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसी तरह, बदामबाड़ी हाईकोर्ट कॉलोनी के चार जर्जर क्वार्टरों पर स्थिति रिपोर्ट मांगी गई है।
लोग अभी भी रह रहे हैं खतरनाक मकानों में
नोटिस जारी होने के बावजूद कई लोग अभी भी इन असुरक्षित इमारतों में रह रहे हैं। कुछ लोगों ने घर खाली कर दिया है, जबकि कई ने दावा किया है कि वे जल्द ही घर छोड़ देंगे। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से तत्काल ध्वस्तीकरण की मांग की है और चेतावनी दी है कि आस-पास की सड़कें और स्कूल भी खतरे में पड़ सकते हैं।
हाईकोर्ट का सख्त रुख
हाईकोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि 18 सितंबर तक विस्तृत हलफनामा और कार्रवाई की स्थिति रिपोर्ट पेश की जाए। साथ ही यह भी आदेश दिया गया है कि जो लोग घर खाली करने से इनकार करेंगे, उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे।
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