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स्वास्थ्य सचिव अश्वथी एस ने की समीक्षा
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21 जिलों को मिशन के तहत किया गया है कवर
भुवनेश्वर। ओडिशा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव अश्वथी एस ने राज्य के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया के खिलाफ अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश लोक सेवा भवन में आयोजित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए, जहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ वृंदा डी ने अब तक की प्रगति और प्रमुख मुद्दों पर प्रस्तुति दी।
डॉ वृंदा ने जानकारी दी कि ओडिशा के 21 जिलों अनुगूल, बलांगीर, बालेश्वर, बरगढ़, बौध, देवगढ़, गजपति, गंजाम, झारसुगुड़ा, कलाहांडी, कंधमाल, केंदुझर, कोरापुट, मालकानगिरि, मयूरभंज, नवरंगपुर, नुआपड़ा, रायगड़ा, संबलपुर, सोनपुर और सुंदरगढ़ को राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत कवर किया गया है।
बच्चों और गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग
इन जिलों में पाठशालाओं, आंगनबाड़ियों और ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के माध्यम से 0–18 वर्ष के बच्चों और गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा रही है। आदिवासी क्षेत्रों में मोबाइल हेल्थ यूनिट्स के जरिये और शहरी क्षेत्रों में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा, कम जोखिम वाले 9 अन्य जिलों में भी स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है।
अब तक 46.65 लाख लोगों की जांच
जुलाई 2023 में कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से अब तक 46.65 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है, जबकि लक्ष्य 1.08 करोड़ की जांच का है जिसे 2025-26 तक पूरा किया जाना है। अब तक 97,501 सिकल सेल रोगी और 4,11,395 वाहक (ट्रेट) की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें उनके क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में आवश्यक इलाज दिया जा रहा है।
रोगियों के लिए विशेष वित्तीय सुविधाएं
राज्य सरकार ने सिकल सेल रोगियों के लिए विशेष सुविधाएं भी प्रदान की हैं। प्रत्येक पंजीकृत रोगी को 500 रुपये प्रतिमाह परिवहन सहायता के रूप में बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। इसके अलावा उन्हें मुफ्त रक्त, नि:शुल्क दवाएं, और ब्लड पैक पर सेवा शुल्क से छूट दी जाती है। साथ ही, 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए 10 लाख तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।
इस बैठक में विशेष सचिव डॉ विजय महापात्र, विशेष सचिव स्मिता बिस्वाल, डॉ जितेन्द्र, परिवार कल्याण निदेशक डॉ बिश्वमोहन मिश्र, अतिरिक्त सचिव श्रीकांत माझी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।