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ओडिशा में औद्योगिक यात्रा शुरू करने जा रही है पोस्को

  •  केन्दुझर में बनेगा 6 एमटीपीए इस्पात संयंत्र

  • नई सरकार बनने के बाद ओडिशा में निवेशकों का भरोसा बढ़ा – मंत्री

भुवनेश्वर। दक्षिण कोरिया की इस्पात दिग्गज कंपनी पोस्को (पोस्को) एक बार फिर ओडिशा में अपनी औद्योगिक यात्रा शुरू करने जा रही है। राज्य सरकार ने पुष्टि की है कि पोस्को, भारत की अग्रणी कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील के साथ साझेदारी कर केन्दुझर जिले में 6 मिलियन टन प्रतिवर्ष (एमटीपीए) क्षमता वाला एकीकृत इस्पात संयंत्र स्थापित करेगी।

राज्य के उद्योग मंत्री सम्पद चन्द्र स्वाईं ने मंगलवार को जानकारी दी कि नई सरकार बनने के बाद ओडिशा में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और उद्योगों के लिए राज्य की नीतियां अनुकूल बनी हैं।

उच्चस्तरीय मंजूरी प्राधिकरण ने परियोजना को हरी झंडी दी

उन्होंने बताया कि इस वर्ष आयोजित उत्कर्ष ओडिशा–मेक इन ओडिशा सम्मेलन में जेएसडब्ल्यू स्टील और राज्य सरकार के बीच समझौता हुआ था। इसके बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय मंजूरी प्राधिकरण ने परियोजना को हरी झंडी दी। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और संयंत्र निर्माण की तैयारी शुरू हो चुकी है।

रणनीतिक साझेदारी और आत्मनिर्भर भारत

यह परियोजना जेएसडब्ल्यू स्टील और पोस्को के बीच हुए एक समझौते पर आधारित है। दोनों कंपनियां 50-50 हिस्सेदारी के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करेंगी। इसमें जेएसडब्ल्यू की देश में मजबूत कार्यान्वयन क्षमता और पोस्को की विश्वस्तरीय तकनीक का लाभ लिया जाएगा। कंपनी प्रतिनिधियों का कहना है कि यह पहल आत्मनिर्भर भारत के विजन से जुड़ी है और ओडिशा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी इस्पात केंद्र बनाने में मदद करेगी।

ओडिशा के खनिज संसाधनों को लाभ

खनिज संपदा, कोयला स्रोत और बंदरगाह संपर्क को देखते हुए ओडिशा इस परियोजना के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना गया है। विस्तृत अध्ययन के बाद अंतिम स्थल, निवेश संरचना और संसाधन आवंटन तय किया जाएगा।

2005 में पहली बार रही विफल

यह परियोजना एक बार फिर उस स्मृति को ताजा कर दी है, जब पोस्को ने 2005 में जगतसिंहपुर जिले में 12 एमटीपीए क्षमता वाले इस्पात संयंत्र के लिए 12 अरब डॉलर का निवेश प्रस्ताव दिया था। यह उस समय भारत का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) माना गया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण की अड़चनों और स्थानीय विरोध के कारण 2017 में इसे रद्द करना पड़ा। अब जेएसडब्ल्यू के साथ नई साझेदारी के जरिए पोस्को की ओडिशा वापसी औद्योगिक विकास के नये अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।

दोनों कंपनियों की बढ़ेगी उत्पादन क्षमता

यदि परियोजना समय पर साकार हुई तो यह संयंत्र जेएसडब्ल्यू स्टील की वर्तमान 35.7 एमटीपीए उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर तीन वर्षों में 43.4 एमटीपीए तक पहुंचा देगा। वहीं, पोस्को पहले से ही हर साल लगभग 42 मिलियन टन कच्चा इस्पात उत्पादन कर रही है और कई महाद्वीपों में अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन कर चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह साझेदारी ओडिशा को इस्पात उत्पादन में वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाएगी और राज्य के औद्योगिक विकास की रफ्तार को और मजबूत बनाएगी।

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