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धर्मेंद्र प्रधान ने ऐतिहासिक उपलब्धि बताया
भुवनेश्वर। संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित सभी 22 भाषाओं में अब संसद की कार्यवाही उपलब्ध होना भारतीय लोकतंत्र की सशक्त यात्रा में ऐतिहासिक उपलब्धि है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक समावेशी एवं भाषाई रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। अब भारतीय संसद की कार्यवाही संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित सभी 22 भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी।
सोशल मीडिया पर साझा किए अपने संदेश में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह पहल भारत की भाषाई समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता को सम्मान देने का कार्य है। उन्होंने कहा कि हिंदी, अंग्रेज़ी और अन्य 18 भाषाओं के साथ अब कोंकणी, कश्मीरी और संथाली भाषाओं को भी संसद की कार्यवाही में शामिल किया जाना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प का जीवंत प्रतीक है।
प्रधान ने कहा कि यह पहल हमें स्मरण कराती है कि भारत की असली शक्ति उसकी विविधता में है। यहां असंख्य भाषाएं और बोलियां मिलकर हमारे लोकतंत्र को अधिक जीवंत, समावेशी और सशक्त बनाती हैं। उन्होंने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का हार्दिक आभार और अभिनंदन भी व्यक्त किया।