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8307 करोड़ की लागत से बनेगा 6 लेन बाईपास
नई दिल्ली/भुवनेश्वर। केंद्र सरकार ने ओडिशा की राजधानी क्षेत्र के लिए एक बड़ी सौगात दी है। मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 110.875 किलोमीटर लंबे 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड कैपिटल रीजन रिंग रोड (भुवनेश्वर बाईपास) परियोजना को मंजूरी दे दी। इस परियोजना पर कुल 8307.74 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से कटक, भुवनेश्वर और खुर्दा शहरों से भारी वाहनों का बोझ कम होगा और यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने में मदद मिलेगी।
नया लॉजिस्टिक कॉरिडोर होगा तैयार
यह रिंग रोड कोलकाता-चेन्नई कॉरिडोर का हिस्सा होगी और पूर्वी भारत के लिए एक नया लॉजिस्टिक कॉरिडोर तैयार करेगी। इस मार्ग से राज्य के आर्थिक, सामाजिक और परिवहन केंद्रों को सीधी और तेज कनेक्टिविटी मिलेगी।
पूर्वी भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी
बताया गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले से न सिर्फ ओडिशा बल्कि पूरे पूर्वी भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सड़क ओडिशा को स्टील, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र और मत्स्य उद्योगों के साथ-साथ पर्यटन और परिवहन क्षेत्र में भी नई उड़ान देगी।
बड़े शहरों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा
सरकार का कहना है कि इस परियोजना से भुवनेश्वर, कटक और खुर्दा जैसे बड़े शहरों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा। वर्तमान में रामेश्वर से टांगी तक का मार्ग इन शहरी इलाकों से होकर गुजरता है, जहां अक्सर भारी जाम की समस्या बनी रहती है। नई रिंग रोड इस चुनौती का समाधान पेश करेगी और यातायात को सुगम बनाएगी। भारी वाहनों को शहरों से बाहर मोड़ने से माल ढुलाई की गति और दक्षता बढ़ेगी, लॉजिस्टिक लागत घटेगी और व्यापार तथा उद्योग को नई रफ्तार मिलेगी। कैबिनेट का कहना है कि यह रिंग रोड धार्मिक और आर्थिक केंद्रों को बेहतर तरीके से जोड़ते हुए क्षेत्र में व्यापार, उद्योग और सामाजिक-आर्थिक विकास के नए रास्ते खोलेगी।
कई जगहों को जोड़ेगी सड़क
– राष्ट्रीय राजमार्ग: एनएच-55, एनएच-655 और एनएच-57
– राज्य राजमार्ग: एसएच-65
– हवाई अड्डा: भुवनेश्वर
– रेलवे स्टेशन: खुर्दा
– बंदरगाह: पुरी और अस्तरंग
– आर्थिक केंद्र: एसईजेड, मेगा फूड पार्क, वस्त्र व फार्मा क्लस्टर, मत्स्य क्लस्टर
– सामाजिक केंद्र: आकांक्षी जिले, जनजातीय जिले, माओवादी प्रभावित जिले
लागत और मॉडल
– कुल लंबाई: 110.875 किमी
– सिविल लागत: 4686.74 करोड़ रुपये
– भूमि अधिग्रहण लागत: 1029.43 करोड़ रुपये
– कुल पूंजीगत लागत: 8307.74 करोड़ रुपये
– निर्माण मॉडल: हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल (एचएएम)
रोजगार सृजन और यातायात लाभ
– प्रत्यक्ष रोजगार: 74.43 लाख मानव-दिवस
– अप्रत्यक्ष रोजगार: 93.04 लाख मानव-दिवस
– औसत वार्षिक दैनिक यातायात (2025): अनुमानित 28,282 यात्री कार इकाई (पीसीयू)
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने जताया आभार
इस परियोजना को मंजूरी प्रदान किये जाने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के प्रति आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री माझी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह ऐतिहासिक आधारभूत परियोजना ओडिशा और पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी को मजबूत करने, प्रमुख शहरी केंद्रों की भीड़भाड़ कम करने, लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि व समृद्धि के नए द्वार खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कैपिटल रीजन रिंग रोड परियोजना से न केवल भुवनेश्वर और आसपास के क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी, बल्कि व्यापार, परिवहन और क्षेत्रीय एकीकरण को भी नया बल मिलेगा।
विकास को तेज रफ्तार देगा केन्द्रीय कैबिनेट का निर्णय : धर्मेंद्र प्रधान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ओडिशा में 6-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड कैपिटल रीजन रिंग रोड परियोजना को मंजूरी प्रदान किये जाने का केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्वागत किया है। उन्होने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह परियोजना ओडिशा को विकास की तेज रफ्तार से जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक कदम है।
धर्मेंद्र प्रधान ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि राजधानी क्षेत्र रिंग रोड, जो लगभग 111 किलोमीटर लंबी होगी और रामेश्वर से टांगी तक फैली होगी, भुवनेश्वर बाइपास के रूप में कार्य करेगी। यह परियोजना राज्य के प्रमुख आर्थिक केंद्रों के बीच निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करेगी, भीड़भाड़ वाले मुख्य मार्गों को राहत देगी, माल और लोगों की सुगम आवाजाही को संभव बनाएगी, लॉजिस्टिक्स लागत को घटाएगी, रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी और ओडिशा की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को गति देगी। उन्होंने कहा कि यह अत्याधुनिक और आधुनिक रिंग रोड ओडिशा की आर्थिक क्षमता को पूरी तरह उजागर करने में सहायक होगी और यह मार्ग समृद्धि का महामार्ग बनेगा। प्रधान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ओडिशा के विकास को सदैव प्राथमिकता देने के लिए वे आभारी हैं।