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आज सोना वेश में देंगे दर्शन
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तीन को अधर पणा व चार को नीलाद्रि बिजे
भुवनेश्वर. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और शटडाउन के बीच अपने जन्मवेदी श्रीगुंडिचा मंदिर में रहने के बाद नौवे दिन भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा श्रीमंदिर लौट आये. सभी देव रथों पर बिराजमान हैं. सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार बिना भक्तों के केवल सेवायतों व सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति में बाहुडा यात्रा का आयोजन किया गया. आज पवित्र एकादशी तिथि में तड़के 3.50 बजे मंगल आरती, 4.05 बजे मयलम, 4.20 बजे तड़पलागी व रोष होम की नीतियां आयोजित हुईं. 5.50 से 6-10 तक गोपालबल्लभ व खिचड़ी भोग नीति की गई.
समय से पूर्व पहंडी यात्रा शुरू हुई. सबसे पहले चक्रराज सुदर्शन को पहंडी कर रथ पर लाया गया. इसके बाद भगवान बलभद्र को पहंडी कर मौसी मां मंदिर से उनके रथ तालध्वज पर लाया गया. इसके बाद देवी सुभद्रा और फिर भगवान श्रीजगन्नाथ जी की पहंडी कर उन्हें उनके रथों देवदलन व नंदीघोष पर लाया गया. इसके बाद पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव ने छेरा पहँरा की. इसके बाद रथों को खिंचा गया. उल्लेखनीय है कि नौ दिनों के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा मौसी मां के घर से श्रीमंदिर लौटते हैं.
इसे उल्टा रथ या बाहुड़ा यात्रा कहा जाता है. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस बार बिना भक्तों की रथयात्रा और बाहुडा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. कोविद टेस्ट कराने के बाद व उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सेवायतों को इसमें शामिल करने की अनुमति दी जा रही है. कल महाप्रभु श्री जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा सोना वेश में भक्तों को दर्शन देंगे, लेकिन कोरोना को लेकर यहां शटडाउन चल रहा है. इस कारण भक्तों को यहां आने की अनुमति नहीं है. भक्त टेलीविजन पर प्रसार के माध्यम से सोना वेश में देवों का दर्शन लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
श्रीमंदिर प्रशासन के जनसंपर्क अधिकारी लक्ष्मीधर पूजा पंडा ने बताया कि दो जुलाई को सोना वेश, तीन जुलाई को अधर पणा की नीति और चार जुलाई को नीलाद्रि बिजे की नीतियां संपन्न होने के बाद ये सभी देव-देवी श्रीमंदिर में अपने-अपने स्थानों पर विराजित होंगे. पांच जुलाई को श्रीमंदिर नीलांचल महाप्रसाद भोग किया जायेगा. सोना वेश तक पुरी जिले में शटडाउन घोषित किया गया है. जिले में बाहरी लोगों का प्रवेश निषेध कर दिया गया है. सभी रास्तों को सील कर दिया है. बड़दांड में भी आज लोगों को निकलने पर पावंदी थी.
मंदिर प्रबंध समिति के कार्यकारी अध्यक्ष व विकास आयुक्त सुरेश महापात्र ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भक्त रथयात्रा और बाहुड़ा यात्रा की तरह सोना वेश में महाप्रभु के दर्शन घरों से करेंगे और अधर पणा और नीलाद्री बिजे की नीति भी घरों से देखेंगे. हम सोना वेश और अधर पणा के दौरान रथों पर कम संख्या सेवायतों को अनुमति प्रदान करेंगे ताकि भक्तों को अपने घरों से अच्छी तरह से दर्शन हो सके.