-
कहा – स्व के आधार पर चलता है तंत्र, तभी आती है स्वतंत्रता
भुवनेश्वर। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने उत्कल विपन्न सहायता समिति, भुवनेश्वर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस मौके पर उन्होंने स्वतंत्रता के महत्व और राष्ट्रध्वज के प्रतीकों का विस्तृत वर्णन करते हुए देशवासियों से कर्तव्य निभाने और त्याग-बलिदान की परंपरा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
स्वतंत्रता का इतिहास और पूर्वजों का बलिदान
डॉ. भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्त हुए 78 वर्ष हो गए हैं, लेकिन इसके लिए पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों ने बलिदान दिए। 1857 से लेकर आजादी तक अनुकूल परिस्थितियों की प्रतीक्षा नहीं की गई, बल्कि हर हाल में संघर्ष जारी रहा। उन्होंने कहा कि आज हमें अपने पूर्वजों के संघर्ष को स्मरण कर उसी भावना से देश की एकता, सुख और शांति के लिए कार्य करना होगा।
‘स्व’ और ‘तंत्र’ का संबंध ही सच्ची स्वतंत्रता
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता में ‘स्व’ और ‘तंत्र’ दोनों निहित हैं। जब तंत्र, स्व यानी अपनेपन के आधार पर चलता है, तभी वास्तविक स्वतंत्रता आती है। भारत की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि यह देश दुनिया को धर्म और शांति देने के लिए अस्तित्व में है। धर्म सभी को साथ लेकर चलता है और उन्नति की राह दिखाता है, इसलिए हमारे राष्ट्रीय ध्वज के केंद्र में धर्मचक्र स्थापित है।
ध्वज के रंगों का संदेश
संघ प्रमुख ने ध्वज के रंगों का महत्व भी बताया। केसरिया रंग त्याग, ज्ञान और कर्मशीलता का प्रतीक है। सफेद रंग शुद्ध चरित्र और निर्मलता का प्रतीक है। हरा रंग समृद्धि और विकास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब शुद्ध चरित्र वाले लोग निःस्वार्थ भाव से कर्म और ज्ञान का अनुसरण करते हैं, तभी सच्ची समृद्धि आती है।
विश्व गुरु बनने की आवश्यकता
डॉ. भागवत ने कहा कि आज की दुनिया अनेक समस्याओं से जूझ रही है। भारत का दायित्व है कि धर्म दृष्टि के आधार पर सुख और शांति से युक्त नई दुनिया बनाने का उपाय प्रस्तुत करे। इसके लिए वैसा ही परिश्रम और त्याग करना होगा जैसा हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता के लिए किया था।
छोटे संकल्पों से बड़े परिवर्तन की ओर
उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्यों का स्मरण करते हुए छोटे-छोटे संकल्प लेने होंगे। जैसे संघ स्वयंसेवक पंच परिवर्तन की बात करते हैं, वैसे ही छोटे प्रयासों से समाज और देश में बदलाव लाना होगा, और यही परिवर्तन आगे चलकर विश्व तक पहुंचेगा।
कार्यक्रम में प्रमुख लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर ओडिशा पूर्व प्रांत के प्रांत संघचालक समीर मोहंती और उत्कल विपन्न सहायता समिति के अध्यक्ष अक्षय कुमार बिट सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।