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ओडिशा में अविश्वास प्रस्ताव के बयान पर राजनीति गरमाई

  • कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बीजद को दी चुनौती

  • कांग्रेस ने दिया समर्थन करने के ऐलान

  • ओडिशा कांग्रेस प्रमुख भक्तदास के बयान से हलचल

भुवनेश्वर। ओडिशा की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई, जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भक्तचरण दास ने राज्य की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सार्वजनिक चुनौती बीजद को दी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान भक्तदास ने बीजद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि वह वास्तव में महिलाओं को न्याय दिलाने को लेकर गंभीर है, तो उसे विधानसभा में भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए। कांग्रेस ऐसे किसी भी कदम का पूरा समर्थन करेगी।

भक्तदास ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि बीजद सचमुच महिलाओं के न्याय की लड़ाई लड़ रही है, तो उसे भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए। कांग्रेस उसका समर्थन करेगी। यदि वह ऐसा नहीं करती, तो कांग्रेस खुद प्रस्ताव लाएगी और बीजद से समर्थन की अपेक्षा करेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष की इस सीधी चुनौती के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं और यह बयान सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक में बहस का विषय बन गया है।

प्रस्ताव पर आधिकारिक सूचना नहीं – बीजद उपाध्यक्ष

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजद के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्र ने कहा कि विधानसभा में अभी तक इस तरह के किसी प्रस्ताव को लेकर आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि बीजद महिलाओं के कल्याण और अधिकारों के प्रति हमेशा से प्रतिबद्ध रही है। यदि कोई औपचारिक सूचना आती है तो बीजद की विधायी दल की बैठक में सामूहिक रूप से इस पर निर्णय लिया जाएगा।

मंत्री सुरेश पुजारी का पलटवार

ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने गुरुवार को ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त दास द्वारा भाजपा नीत राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के आह्वान पर कड़ा पलटवार किया। पुजारी ने कहा कि इस कदम से सरकार को कोई नुकसान नहीं होगा; बल्कि, इससे विपक्ष की अपनी नाकामियां उजागर होंगी। पुजारी ने कहा कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने का पूरा अधिकार है, लेकिन ऐसा करने से पहले उन्हें पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।

बीजद और कांग्रेस 40 साल का रिपोर्ट कार्ड लेकर आएं

उन्होंने कहा कि बीजद और कांग्रेस अपने 40 साल के शासन का रिपोर्ट कार्ड लेकर आएं। हम अपने एक साल के प्रदर्शन को पेश करने के लिए तैयार हैं। तब जनता अंतर का आकलन कर पाएगी।

पुजारी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के दो पहलू हैं। विपक्ष प्रस्ताव लाएगा और हम जवाब देंगे। उन्हें प्रश्न तैयार करने होंगे। वे जवाब नहीं सुन सकते।

मानसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना

इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। विधानसभा के मानसून सत्र में अब भाजपा, बीजद और कांग्रेस के बीच तीखी राजनीतिक जंग देखने को मिल सकती है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजद इस चुनौती का क्या जवाब देती है और कांग्रेस अपने इरादों को लेकर कितनी गंभीरता से आगे बढ़ती है।

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