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100 से अधिक कॉलेज प्रमुखों पर हुई कार्रवाई
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फिलहाल वेतन रोका गया, 24 घंटे में निलंबन का खतरा
कटक। जिले के 100 से अधिक शासकीय और अनुदानित कॉलेजों के कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश ज़िला कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने जारी किया है। कारण आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) की अनिवार्य रिपोर्ट समय पर न सौंपना बताया गया है। 21 जुलाई को जारी आदेश में कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि जिन संस्थानों ने निर्धारित समयसीमा में आईसीसी से संबंधित रिपोर्ट नहीं भेजी है, उनके समस्त स्टाफ का वेतन रोका जाएगा और संस्था प्रमुखों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है।
लगातार निर्देश के बावजूद नहीं मानी बात
कटक जिले के 210 डिग्री कॉलेजों और उच्च माध्यमिक संस्थानों में से अधिकांश ने आईसीसी रिपोर्ट अब तक जमा नहीं की है। जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में सभी कॉलेजों को आंतरिक शिकायत समिति की जानकारी, शिकायतों की संख्या, समिति की संरचना, संपर्क विवरण और प्राचार्य के हस्ताक्षर सहित सत्यापन रिपोर्ट जमा करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे।
24 घंटे में रिपोर्ट नहीं तो निलंबन तय
कलेक्टर कार्यालय द्वारा भेजे गए पत्र में इसे “अत्यंत जरूरी” मामला बताया गया है और यह भी लिखा गया है कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद अधिकांश कॉलेजों ने निर्देश का पालन नहीं किया है। प्रशासन ने कहा है कि जिन संस्थानों ने रिपोर्ट नहीं सौंपी है, उनके पूरे स्टाफ का वेतन रोका जाएगा और अगर 24 घंटे के भीतर पूरी रिपोर्ट नहीं सौंपी गई तो संबंधित प्राचार्यों को निलंबित कर दिया जाएगा।
महिलाओं की गरिमा और शिकायत निवारण में देरी बर्दाश्त नहीं : कलेक्टर
मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर शिंदे ने स्पष्ट किया कि महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि रिपोर्ट मिलने तक वेतन नहीं दिया जाएगा और अगर कोई संस्थान जानबूझकर टालमटोल करता है तो उस पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, यह सख्ती राज्यभर के शैक्षणिक संस्थानों में यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों और प्रशासनिक निष्क्रियता की बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर की गई है। सरकार की मंशा है कि सभी संस्थानों में शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत और मानकीकृत किया जाए।
केवल एक कॉलेज ने सौंपी है रिपोर्ट
अब तक केवल माहंगा महिला महाविद्यालय ने आईसीसी की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। शेष सभी संस्थानों के पास 24 घंटे से भी कम समय बचा है रिपोर्ट जमा करने के लिए। कलेक्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में कोई ढील नहीं दी जाएगी और हर कॉलेज को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
अगर अगले 24 से 48 घंटों में रिपोर्ट नहीं आती है तो वेतन के साथ-साथ संस्थान प्रमुखों का निलंबन तय माना जा रहा है।
कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने कहा कि मुझे सही संख्या नहीं पता, लेकिन कई कॉलेजों ने रिपोर्ट नहीं सौंपी है। अगर अगले 24 से 48 घंटे में रिपोर्ट नहीं आई तो उनके वेतन भी रोके जाएंगे और निलंबन की कार्रवाई भी होगी। यह मामला अब पूरी तरह जिला प्रशासन की निगरानी में है और कलेक्टर ने यह सुनिश्चित करने की बात कही है कि छात्राओं की सुरक्षा और शिकायत निवारण के तंत्र में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर तत्काल सख्त कदम उठाए जाएंगे।