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भुवनेश्वर में बनेगा पहला एमआरओ सेंटर
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13 नई हवाई सेवाएं शुरू
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य के पहले मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल (एमआरओ) सेंटर की स्थापना के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। यह अत्याधुनिक केंद्र भुवनेश्वर में बनेगा और यह राज्य के विमानन ढांचे को नई दिशा देगा। वाणिज्य और परिवहन विभाग की अगुवाई में राज्य सरकार ने ‘न्यू डेस्टिनेशन पॉलिसी’ लागू की है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देना है। इसके तहत एयरलाइंस को प्रोत्साहन, रूट सपोर्ट और विभिन्न सुविधाएं दी जा रही हैं।
इस नीति के लागू होने के कम समय में ओडिशा की विमानन उपस्थिति में अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू दोनों स्तरों पर उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अब तक 13 नई घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू की गई हैं, जिससे व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय एकीकरण को गति मिली है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भुवनेश्वर से दुबई और आबूधाबी के लिए सीधी उड़ानों की शुरुआत ने ओडिशा को वैश्विक विमानन मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित किया है।
घरेलू मोर्चे पर झारसुगुड़ा–मुंबई, झारसुगुड़ा–हैदराबाद, भुवनेश्वर–गोवा, भुवनेश्वर–देहरादून और भुवनेश्वर–पोर्ट ब्लेयर जैसे नए रूट शुरू हुए हैं। इससे जनजातीय क्षेत्रों, औद्योगिक इलाकों और प्रमुख पर्यटक स्थलों को बेहतर हवाई संपर्क मिला है। साथ ही जयपुर (कोरापुट), राउरकेला, उत्केला और रंगेइलुंडा जैसे क्षेत्रीय हवाईपट्टियों को उड़ान योजना के तहत चालू किया गया है, जिससे अंतिम छोर तक की कनेक्टिविटी सुनिश्चित हुई है।
इसके अलावा पुरी एयरपोर्ट परियोजना में भी बड़ी प्रगति हुई है। इस परियोजना के तहत इंटरएक्टिव कलर कोडेड जोनिंग मैप (सीसीजेडएम) को एनओसीएएस 2.0 प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया गया है। यह एक डिजिटल प्रणाली है, जो ऑनलाइन हाइट क्लीयरेंस की प्रक्रिया को आसान बनाती है और सुरक्षित शहरी विकास, नियंत्रित आधारभूत ढांचे और पर्यावरण सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।
राज्य सरकार अब ड्रोन नीति तैयार कर रही है और हवाई अड्डा अवसंरचना के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया को भी तेज कर रही है। इसका उद्देश्य ओडिशा को एक नवाचार-प्रेरित और टिकाऊ विमानन इकोसिस्टम में बदलना है।
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