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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन
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शिक्षा मंत्री नित्यनंद गोंड के इस्तीफे की मांग तेज
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कहा— प्रश्नपत्र लीक होने से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है युवाओं का भविष्य
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75 हजार अभ्यर्थियों को लगा बड़ा झटका
कटक। विशेष ओडिशा शिक्षक पात्रता परीक्षा (ओटीईटी) परीक्षा के अचानक रद्द किए जाने को लेकर राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है। रविवार को प्रस्तावित यह परीक्षा बिना किसी पूर्व सूचना के रद्द कर दी गई, जिससे राज्यभर के हजारों अभ्यर्थी निराश और आक्रोशित हो गए। परीक्षा रद्द किए जाने के खिलाफ सोमवार को बीजू जनता दल (बीजद) ने कटक स्थित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (बीएसई) कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया और स्कूल एवं जनशिक्षा मंत्री नित्यनंद गोंड से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की मांग की।
बीजद विधायक ब्योमकेश राय ने कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया था, लेकिन इसके बावजूद न तो अभ्यर्थियों को पूर्व में कोई सूचना दी गई और न ही परीक्षा की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। ओपीएससी, एसएससी, आरआई, अमीन सहित कई परीक्षाओं में लगातार प्रश्नपत्र लीक की घटनाएं सामने आ रही हैं। यह सोची-समझी साजिश है जिसमें भाजपा के नेता, मंत्री और कार्यकर्ता संलिप्त हैं। पिछले 12 महीनों में 12 बार प्रश्नपत्र लीक या त्रुटिपूर्ण पाए गए हैं।
नौकरी के लिए घूस का आरोप
प्रदर्शन कर रहे एक अन्य बीजद कार्यकर्ता ने कहा कि यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि नौकरी के बदले घूस घोटाले की कड़ी है। विशेष ओटीईटी के प्रश्नपत्र बेचे जा रहे हैं। परीक्षा का रद्द होना इस घोटाले का खुला प्रमाण है। हम मांग करते हैं कि शिक्षा मंत्री नित्यनंद गोंड तुरंत इस्तीफा दें।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि परीक्षा रद्द होने से राज्यभर के करीब 75,000 अभ्यर्थियों को मानसिक, आर्थिक और शैक्षणिक नुकसान हुआ है। इन युवाओं ने महीनों की मेहनत और तैयारी के बाद परीक्षा देने की योजना बनाई थी, लेकिन एक प्रशासनिक विफलता ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया।
बीएसई और सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
खबर लिखे जाने तक इस पूरे घटनाक्रम को लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (बीएसई) या स्कूल एवं जनशिक्षा विभाग की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई था और ना ही बोर्ड अध्यक्ष और ना ही मंत्री नित्यनंद गोंड ने इस विवादास्पद मामले में किसी प्रकार का स्पष्टीकरण दी थी। बीजद नेताओं ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यदि सरकार युवाओं के भविष्य के प्रति गंभीर होती तो इस प्रकार की घटनाएं बार-बार नहीं घटतीं।
परीक्षा संचालन में विफल रही भाजपा सरकार: बीजद
बीजद नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार परीक्षाओं का सही संचालन तक नहीं कर पा रही है और बार-बार हो रही गड़बड़ियों से स्पष्ट है कि पूरा तंत्र भ्रष्टाचार से जकड़ा हुआ है। विधायक ब्योमकेश राय ने कहा कि जब परीक्षाएं ही पारदर्शी और सुरक्षित ढंग से नहीं हो पा रहीं, तब सरकार युवाओं को रोजगार देने के अपने वादे कैसे निभाएगी? शिक्षा मंत्री और बीएसई अध्यक्ष को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
आगे की कार्रवाई को लेकर संशय
हालांकि अब तक इस परीक्षा के पुनर्निर्धारण को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इससे अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बीजद ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखाती, तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। उसका कहना है कि विशेष ओटीईटी परीक्षा रद्द होना केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि लाखों युवाओं के सपनों के साथ किया गया एक क्रूर मज़ाक बनकर सामने आया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है और दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई होती है।