-
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की घोषणा
-
राज्य की सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होगी पहल
-
महिला सशक्तिकरण को मिलेगा नया आधार
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने राज्य की सभी विश्वविद्यालयों और सरकारी व सहायता प्राप्त कॉलेजों में पढ़ रही छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक पहल ‘शक्तिश्री’ योजना की शुरुआत की। यह घोषणा बालेश्वर के फकीर मोहन (एफएम) स्वायत्त महाविद्यालय की एक छात्रा द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के विरोध में आत्मदाह कर लेने की घटना के बाद की गई।
मुख्यमंत्री ने इसे “परिवर्तनकारी सशक्तिकरण और आत्मरक्षा की पहल” करार देते हुए कहा कि यह योजना 16 राज्य विश्वविद्यालयों और 730 कॉलेजों में लागू की जाएगी।
लड़कियों की अगुवाई में बनेगा शक्तिश्री सशक्तिकरण प्रकोष्ठ
प्रत्येक शिक्षण संस्थान में एक ‘शक्तिश्री सशक्तिकरण प्रकोष्ठ’ गठित किया जाएगा, जिसमें एक छात्रा को ‘शक्तिश्री साथी’ और एक महिला व्याख्याता को मार्गदर्शक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा जिला कलेक्टर की ओर से पांच ‘शक्ति सहयोगी’ भी नियुक्त किए जाएंगे। योजना से जुड़े सभी प्रतिभागियों को छह दिवसीय गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
‘शक्तिश्री मोबाइल ऐप’ से मिलेगी 24×7 सहायता
मुख्यमंत्री ने एक विशेष ‘शक्तिश्री मोबाइल एप्लिकेशन’ की भी घोषणा की, जो छात्राओं को सुरक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक तनाव के समय तत्काल सहायता उपलब्ध कराएगा।
एप में एसओएस (आपातकालीन सहायता) बटन, पुलिस को सीधे शिकायत भेजने का विकल्प, माहवारी के दौरान चिकित्सकीय सलाह और भारत सरकार की ‘टेली-मानस’ मानसिक स्वास्थ्य सेवा से जुड़ने की सुविधा होगी। एप की कार्यप्रणाली से छात्राओं को परिचित कराने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
कर्मचारियों के लिए आचार संहिता अनिवार्य
योजना के अंतर्गत शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक सभी कर्मचारियों के लिए व्यवहार आचार संहिता लागू की जाएगी। इसके साथ ही, लिंग संबंधी मुद्दों पर केंद्रित सुरक्षा जागरूकता अभियानों को अनिवार्य बनाया जाएगा।
हर वर्ष सुरक्षा रिपोर्ट और कैमरे से निगरानी
प्रत्येक संस्थान को 31 दिसंबर तक सालाना सुरक्षा रिपोर्ट जमा करनी होगी। कॉलेज परिसरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिनकी निगरानी विशेष नियंत्रण कक्ष से चौबीसों घंटे की जाएगी।
ऑनलाइन पाठ्यक्रम और ‘शक्ति स्वरूपिणी’ कार्यशाला भी शामिल
छात्राओं के लिए ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उन्हें अपने अधिकारों और सुरक्षा उपायों की जानकारी मिल सके। इसके अलावा, प्रत्येक वर्ष ‘शक्ति स्वरूपिणी’ कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि यह पहल हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और एक सुरक्षित, समावेशी माहौल की नींव रखेगी।