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बलांग थाने का घेराव, बीजद कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प
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एम्स भुवनेश्वर में तनाव, धारा 163 लागू
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राज्यव्यापी जनाक्रोश के बीच राजनीतिक दलों में टकराव
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प्रशासन के लिए चुनौती बनी घटना
भुवनेश्वर/पुरी। पुरी जिले की नाबालिग छात्रा को जिंदा जलाने की सनसनीखेज घटना ने राज्यभर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। एक ओर जहां भुवनेश्वर स्थित एम्स परिसर में राजनीतिक दलों के बीच टकराव हुआ, वहीं पुरी जिले के बलांग थाना क्षेत्र में बीजू जनता दल (बीजद) कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। दोनों ही स्थानों पर माहौल तनावपूर्ण बना रहा और पुलिस को भारी बल तैनात करना पड़ा।
जब पीड़िता को गंभीर हालत में एम्स भुवनेश्वर से दिल्ली एयरलिफ्ट किया जा रहा था, ठीक उसी समय पुरी जिले के बलांग थाना के बाहर बीजद कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ढीली जांच और लापरवाही बरत रही है, जिसके कारण अब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने थाने में घुसने की कोशिश की, जिससे पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई और हाथापाई की नौबत आ गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा।
एम्स भुवनेश्वर में तनाव, धारा 163 लागू
पुरी की इस जघन्य घटना को लेकर राजधानी भुवनेश्वर में भी राजनीतिक माहौल गरमाया रहा। शनिवार रात को एम्स भुवनेश्वर परिसर के बाहर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बीजद और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच नारेबाजी और झड़प हुई। स्थिति बिगड़ती देख कमिश्नरेट पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू करते हुए पूरे क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया।
तीन प्लाटून सुरक्षाबल तैनात
तत्काल प्रभाव से तीन प्लाटून सुरक्षाबल तैनात किए गए और पूरे इलाके को सील कर दिया गया ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
विपक्ष ने साजिश बताया, सरकार जिम्मेदार
घटना के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें जबरन हटाया। यह लड़की को मारने और सबूत मिटाने की साजिश है। यह हमारी माताओं-बहनों की सुरक्षा पर सीधा हमला है।
एक अन्य नेता ने उपमुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा चौदह घंटे बीत गए, लेकिन उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा अब तक घटनास्थल पर नहीं पहुंची हैं। अगर लड़की की मौत होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
हालात प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती
इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि प्रशासन के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखना भी बड़ी चुनौती बन गया है। पुरी की इस दिल दहला देने वाली घटना ने न केवल महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती और पीड़िता को न्याय नहीं मिलता, राज्य में इस मुद्दे पर राजनीति और जनाक्रोश थमता नजर नहीं आ रहा।