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पीड़िता के लिए विशेष “ग्रीन कॉरिडोर” बना
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सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच एंबुलेंस को पुलिस ने एस्कॉर्ट किया
भुवनेश्वर। पुरी जिले के बयाबार गांव की 16 वर्षीय किशोरी, जिसे 19 जुलाई को दिनदहाड़े तीन अज्ञात युवकों ने आग के हवाले कर दिया था, की हालत गंभीर बनी हुई है। रविवार को पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए एम्स भुवनेश्वर से दिल्ली एम्स एयरलिफ्ट किया गया।
पीड़िता के लिए विशेष “ग्रीन कॉरिडोर” बनाकर उसे पहले एम्स भुवनेश्वर से भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचाया गया। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच एंबुलेंस को पुलिस ने एस्कॉर्ट किया और शहर के कई मुख्य चौराहों को अस्थायी रूप से बंद किया गया, ताकि रास्ता निर्बाध रहे।
एम्स भुवनेश्वर की डॉक्टरों की एक टीम पीड़िता के साथ विमान तक गई, जहां दिल्ली एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उन्हें रिसीव किया। एयरलिफ्टिंग के दौरान पीड़िता को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। उसकी हालत अब भी नाजुक है, लेकिन वह प्रतिक्रिया दे रही है। डॉक्टरों के अनुसार, उसके शरीर का 75% हिस्सा झुलस गया है और वह वेंटिलेटर पर नहीं है, पर बर्न आईसीयू में चौबीसों घंटे 14 सदस्यीय मेडिकल टीम की निगरानी में है।
ओडिशा सरकार ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि पीड़िता के इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी और उसके लिए सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। डॉक्टरों की टीम को पीड़िता की हालत की समीक्षा कर उचित समय पर एयरलिफ्ट करने के निर्देश दिए गए थे।
अभी भी सुलझा नहीं है मामला
घटना शनिवार को तब हुई जब छात्रा अपने एक दोस्त से मिलने जा रही थी। रास्ते में भार्गवी नदी के पास तीन अज्ञात लोगों ने उस पर हमला किया और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। स्थानीय लोगों ने चीखें सुनकर दौड़ लगाई और आग बुझाकर उसे पास के अस्पताल ले गए। बाद में उसे सरकारी निर्देश पर एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया।
फिलहाल घटना के पीछे कौन लोग हैं, इसका खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस की जांच जारी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। जनता और राजनीतिक दलों में गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।
घर और घटनास्थल से केरोसिन की बोतलें बरामद
किशोरी को आग के हवाले करने की जघन्य घटना की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। इस मामले में ओडिशा पुलिस को पीड़िता के घर और घटनास्थल भार्गवी नदी किनारे से केरोसिन की कई बोतलें मिली हैं, जिन्हें अब संभावित अहम साक्ष्य माना जा रहा है।
फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए सैंपल
अब वैज्ञानिक जांच टीम यह पता लगाने में जुटी है कि क्या दोनों जगह से मिली केरोसिन की मात्रा और प्रकृति एक जैसी है। अगर ऐसा पाया गया, तो यह इस दिशा में एक बड़ा सुराग होगा कि आगजनी में कौन-सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया और यह कहां से लाई गई।
विशेष पुलिस दस्ते और डॉग स्क्वॉड की तैनाती
पुलिस ने बलांग गांव में दो विशेष जांच दलों के साथ फोरेंसिक विशेषज्ञों और डॉग स्क्वॉड को भी तैनात किया है। शनिवार को डॉग स्क्वॉड ने घटनास्थल पर सर्च ऑपरेशन चलाया।
अवशेषों की गहनता से जांच
टीम जले हुए कपड़ों और अन्य अवशेषों की गहनता से जांच कर रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि वहां किसी तरह का ज्वलनशील पदार्थ उपयोग हुआ था या नहीं। साथ ही फिंगरप्रिंट जैसे सुराग तलाशे जा रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों का अभाव
पुलिस अभी तक किसी प्रत्यक्षदर्शी तक नहीं पहुंच पाई है। आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।
जांच अधिकारी यह भी पता लगाने में लगे हैं कि क्या पीड़िता को वहीं जलाया गया जहां वह मिली, या किसी और स्थान पर यह अपराध किया गया और बाद में उसे वहां छोड़ा गया।