-
बालेश्वर की घटना के बाद फिर उबला मामला
-
कॉलेज प्रशासन ने शुरू की जांच
जाजपुर। बालेश्वर में एक छात्रा की आत्मदाह की घटना के बाद उठे जन आक्रोश के बीच जाजपुर जिले से एक और गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक कॉलेज छात्र ने अपने राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष (एचओडी) निरंजन पांडा पर बार-बार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
शनिवार को दर्ज कराई गई लिखित शिकायत में 21 वर्षीय तीसरे वर्ष के छात्र ने कॉलेज प्राचार्य और स्थानीय पुलिस को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि एचओडी निरंजन पंडा कैंपस में लगातार उसके साथ अनुचित व्यवहार करते थे और कई बार उन्हें अपने घर बुलाकर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया। छात्र के मुताबिक, पंडा ने अच्छे नंबर दिलाने के बदले यह मांग की थी।
इंतिहान में फेल करने की धमकी का भी आरोप
शिकायत में छात्र ने यह भी बताया कि 16 जुलाई को दो अन्य छात्रों की मौजूदगी में एचओडी ने उसे साफ कहा कि यदि उसने बात नहीं मानी तो वह जानबूझकर उसे परीक्षा में फेल कर देंगे। यह सुनकर छात्र डर गया और उसने मामला कॉलेज प्रशासन के समक्ष रखा।
कॉलेज ने गठित की जांच समिति
घटना की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने पांच सदस्यीय आंतरिक जांच समिति बनाई है, जिसे सोमवार 21 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। वहीं, जाजपुर पुलिस को भी पूरे मामले की जानकारी दी गई है और आगे की कार्रवाई की उम्मीद है।
आरोपी शिक्षक ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
मीडिया को दिए गए बयान में आरोपी एचओडी निरंजन पंडा ने आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मेरे खिलाफ झूठा प्रचार कर रहे हैं और मेरी छवि को मीडिया के जरिए खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। ये आरोप मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
यह ध्यान देने योग्य है कि यही शिक्षक निरंजन पंडा पहले भी 2021 में इसी तरह के आरोपों के चलते गिरफ्तार हो चुके हैं। उस समय भी उन पर पुरुष छात्रों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज हुआ था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी और कॉलेज में फिर से नियुक्त कर दिया गया।
बालेश्वर की घटना के बाद दूसरी बड़ी शिकायत
यह मामला उस समय सामने आया है जब कुछ दिन पहले ही बालेश्वर के फकीर मोहन कॉलेज में एक छात्रा ने एचओडी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कैंपस में आत्मदाह कर लिया था। बाद में एम्स भुवनेश्वर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे राज्य में विरोध और आक्रोश की लहर पैदा कर दी थी। अब जाजपुर की यह नई घटना संस्थागत जवाबदेही और छात्रों की सुरक्षा पर फिर से बड़े सवाल खड़े कर रही है।