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राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए हुए करार
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मुख्यमंत्री ने ओमफेड डेयरी प्लांट में कर्मचारियों के लिए बनाए गए 62 क्वार्टर
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मिल्क पाउडर पैकिंग मशीन का किया उद्घाटन
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दुग्ध उत्पादक संघों को प्रदान किए गए 22 नए दूध टैंकर
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राज्य की ‘गौ-अर्थव्यवस्था’ होगी समृद्ध – मुख्यमंत्री
भुवनेश्वर। ओमफेड राज्य में “श्वेत क्रांति” का प्रमुख स्तंभ बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री के “कामधेनु योजना” के तहत राज्य सरकार ने दूध उत्पादन बढ़ाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दस हजार से अधिक अधिक दूध देने वाली गाय उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आज कटक में आयोजित राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड और ओमफेड के बीच हुए समझौते की अवसर पर यह बात कही।
इस समझौते के अनुसार, राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ओडिशा के दुग्ध किसानों को उच्च उत्पादकता वाली गिर, सहिवाल और क्रॉस-ब्रीड नस्लों की लगभग 3–4 हजार गायें उपलब्ध कराएगा। इसके अतिरिक्त, राज्य में गोबर गैस संयंत्र भी स्थापित किए जाएंगे, जो किसानों के लिए जैविक ऊर्जा और अतिरिक्त आय के स्रोत बनेंगे।
मुख्यमंत्री ने 7.50 करोड़ रुपये के निवेश से 15,000 लीटर क्षमता वाले 22 विशेष मिल्क टैंकर राज्य की विभिन्न दुग्ध सहकारी समितियों को प्रदान करने की घोषणा की। साथ ही, 3.5 करोड़ रुपये के खर्च पर तीन एडवांस्ड मिल्क-पैकिंग मशीनों का उद्घाटन भी किया गया।
उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में दूध उत्पादन 72 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे 2036 तक 165 लाख लीटर और 2047 तक 274 लाख लीटर प्रतिदिन लाने का लक्ष्य रखा गया है।
ओमफेड की लंबे समय से संचालित पहलों, उत्पादन, संग्रह, विपणन के साथ दुग्ध किसानों की आर्थिक समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब यह संगठन पनीर, मक्खन, छेना, आइसक्रीम, स्वादयुक्त दूध, मिठा दही, पेड़ा, रबड़ी आदि कई उत्पादों का विनिर्माण कर रहा है। इससे युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में दूध उत्पादन 471 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तक पहुंच गया है जो विश्वऔसत से भी कहीं अधिक है। राज्य सरकार ने भी प्रमोशनल स्कीम्स के तहत किसानों को 70% तक आर्थिक सहायता दी है, जिससे लगभग 15 लाख गोपालक लाभान्वित हुए हैं। वित्त वर्ष 2024–25 में इस योजना से 3 लाख हिताधिकारियों को ₹71 करोड़ मिले हैं। साथ ही, गोमाता योजना के अंतर्गत गौशाला निर्माण, पंजीकरण और उचित पालन-पोषण के लिए भी सहायता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ओमफेड और मंदिर प्रशासन ने श्री जगन्नाथ भोग सहित अन्य धार्मिक निर्वाह के लिए लगभग 30 मीट्रिक टन घी की आपूर्ति के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके अलावा, ओमफेड बोर्ड के सहयोग से बायोगैस संयंत्र स्थापित करने जा रहा है, जो गोबर से गैस उत्पादन करेगा। इससे उत्पन्न गैस का उपयोग स्वयं किया जाएगा और बचे हुए को बाजार में बेचा भी जा सकता है। इसके अतिरिक्त, उत्पादित गोबर खाद को खेतों में उपयोग करके फसल उत्पादन में वृद्धि की राह भी मजबूत होगी। इससे गोपालक अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे तथा राज्य की गो-आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर ओमफेड डेयरी प्लांट में कर्मचारियों के लिए 62 क्वार्टर का उद्घाटन और नए मिल्क टैंक तथा मिल्क-पाउडर पैकेजिंग मशीन का लोकार्पण भी किया गया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में मत्स्य एवं पशु विभाग मंत्री श्री गोकुलानंद मल्लिक, सांसद भर्तृहरि महताब, ओमफेड अध्यक्ष किशोर चंद्र प्रधान, पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव सुरेश कुमार बशिष्ठ, डेयरी सर्विसेज़ के निदेशक देवानंद, ओमफेड के प्रबंध निदेशक विजय अमृत कुलांगे सहित कई दुग्ध संघ अध्यक्ष तथा अन्य अधिकारी शामिल थे।