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पुरी में छात्रा को न्याय नहीं मिलने मां ने दी आत्मदाह की धमकी

  •  पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया

पुरी। जिले के अस्तरंग गांव की एक नाबालिग छात्रा को न्याय नहीं मिलने पर मां ने आत्मदाह करने की धमकी दी है। इस छात्रा के साथ हुए सनसनीखेज हमले ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। कक्षा 9 में पढ़ने वाली छात्रा के साथ सरेआम दो बाइक सवार युवकों ने मारपीट की थी और दस दिन बाद भी स्थानीय पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर पीड़िता की मां ने आत्महत्या की धमकी दी है। पीड़िता की मां ने अस्तरंग पुलिस पर गंभीर लापरवाही और निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

रास्ते में रोका और डंडे से मारा

बताया गया है कि यह घटना 10 जुलाई को हुई। छात्रा निजी ट्यूशन से वापस स्कूल लौट रही थी। इसी दौरान नुआगड़ा इलाके के एक सुनसान रास्ते पर दो अज्ञात युवक काले रंग की बाइक से आए और छात्रा को रोका। एक युवक ने डंडे से उस पर वार किया।

सड़क किनारे घसीटा और बुरी तरह पीटा

इस हमले से घबराकर वह अपनी जान बचाने के लिए भागी, लेकिन कुछ दूरी पर स्थित एक पार्क के पास दोनों युवक फिर से उसे पकड़ने में कामयाब हो गए। वहां उन्होंने छात्रा को सड़क किनारे घसीटा और बुरी तरह पीटा, फिर मौके से फरार हो गए। डरी-सहमी बच्ची किसी तरह घर पहुंची और परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी। उसी दिन परिवार ने अष्टरंगा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।

कार्रवाई नहीं होने पर परिजन धरने पर बैठे

पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि घटना को दस दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने न तो आरोपियों की पहचान की और न ही कोई गिरफ्तारी की है। इस निष्क्रियता से आहत होकर पीड़िता का परिवार शुक्रवार को अस्तरंग थाने के बाहर धरने पर बैठ गया। हाथों में तख्तियां लिए परिजनों ने तत्काल कार्रवाई और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।

पीड़िता की मां का दर्द छलका

मीडिया से बात करते हुए पीड़िता की मां ने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी को न्याय मिले। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें उनके अपराध की सजा मिले।

उन्होंने कहा कि नौ दिन हो गए हैं, लेकिन कानून ने अब तक मेरी बेटी को न्याय नहीं दिया। वह स्कूल नहीं जा पा रही है। क्या मुझे आत्महत्या करनी पड़ेगी, तब जाकर कानून जागेगा?

पुलिस की चुप्पी सवालों के घेरे में

घटना और धरने को लेकर अब तक पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई थी। पुलिस की चुप्पी ने पूरे मामले पर और भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्थानीय प्रशासन और सरकार पर भी उठे सवाल

इस घटना ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार की संवेदनशीलता को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है। नाबालिगों के खिलाफ अपराधों में तेजी से जांच और कार्रवाई की आवश्यकता को एक बार फिर इस घटना ने उजागर कर दिया है।

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