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डिप्रेशन में भी तब्दील होने की संभावना
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ओडिशा में भारी वर्षा की चेतावनी
भुवनेश्वर। ओडिशा में आगामी दिनों में भारी बारिश की संभावना एक बार फिर से बनती दिख रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार, 24 जुलाई के आसपास बंगाल की उत्तरी खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे ओडिशा के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
आईएमडी के अनुसार यह प्रणाली उच्च वायुमंडलीय चक्रवातीय परिसंचरण के कारण विकसित होगी, जिससे क्षेत्र में नमी का प्रवाह तेज हो जाएगा और बादल बनने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इसके प्रभाव से यह निम्न दबाव क्षेत्र धीरे-धीरे एक डिप्रेशन में भी तब्दील हो सकता है, जो पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए गंगा के मैदानी पश्चिम बंगाल, उत्तर ओडिशा, झारखंड के सटे हिस्से और दक्षिण छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा।
23 जुलाई से बारिश तेज, तीन से चार दिनों तक असर
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि इस प्रणाली के प्रभाव से ओडिशा में 23 जुलाई से बारिश की तीव्रता बढ़ेगी, जो लगातार तीन से चार दिनों तक जारी रह सकती है। विशेष रूप से राज्य के उत्तरी और तटीय जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।
22 जिलों के लिए येलो अलर्ट
आईएमडी ने शुक्रवार को ओडिशा के 22 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। चेतावनी में बताया गया है कि पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तरी ओडिशा में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। इससे बाढ़, जलजमाव और भूस्खलन जैसे खतरे भी उत्पन्न हो सकते हैं। लोगों को सतर्क रहने, सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने और मौसम की ताजा जानकारी पर नजर बनाए रखने की सलाह दी गई है।
इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी
नवरंगपुर, कोरापुट, मालकानगिरि, रायगड़ा, नुआपड़ा, कलाहांडी, बलांगीर, बरगढ़, सुंदरगढ़, केंद्रापड़ा, केंदुझर, मयूरभंज, अनुगूल, ढेंकानाल, संबलपुर, झारसुगुड़ा, बौध, कंधमाल, गजपति, गंजाम, रायगड़ा और सोनपुर।
8 तटीय जिलों में नहीं होगी वर्षा
मौसम विभाग ने कहा है कि ओडिशा के कुछ प्रमुख तटीय जिलों में बारिश की संभावना बेहद कम है। पुरी, खुर्दा, नयागढ़, कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, जाजपुर और भद्रक जिलों में फिलहाल वर्षा नहीं होने की संभावना जताई गई है। हालांकि, यदि निम्न दबाव क्षेत्र तेज गति से विकसित होता है तो इन जिलों में भी स्थिति बदल सकती है।
दक्षिण ओडिशा में तेज बारिश और हवाओं की चेतावनी
शनिवार को दक्षिण ओडिशा के कुछ हिस्सों में तेज बारिश के साथ-साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली सतही हवाओं की चेतावनी दी गई है। इससे उन क्षेत्रों में समस्याएं बढ़ सकती हैं जहां पहले से मध्यम वर्षा हो रही है।
आकाशीय बिजली और गर्जन की संभावना
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने यह भी बताया है कि राज्य के कई हिस्सों में आंधी, गरज-चमक और आकाशीय बिजली के साथ बारिश होने की संभावना है। ऐसे में खेतों में काम कर रहे किसान, खुले में रहने वाले लोग और बिजली के खंभों के आसपास रहने वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें।
केंद्रापड़ा में बाढ़ का कहर: कई गांव जलमग्न, लोग नावों के सहारे
ओडिशा के केंद्रापड़ा जिले में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। ब्राह्मणी, खरस्रोता और कानी नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई निचले इलाकों में पानी घुस गया है, जिससे हजारों लोग फंसे हुए हैं और बड़ी मात्रा में कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
औल ब्लॉक के हालात सबसे खराब हैं, जहां कम से कम 12 पंचायतें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। खासकर धोया क्षेत्र में स्थिति बेहद भयावह है, जहां 10 पंचायतों का संपर्क पूरी तरह कट चुका है। मनपुर-गोविंदपुर सड़क पर 7 फीट पानी भर जाने के कारण आवाजाही बंद हो गई है। ग्रामीण अब केवल देशी नावों के सहारे आना-जाना कर रहे हैं। वहीं, सैकड़ों हेक्टेयर फसल जलमग्न हो गई है।
गांवों में खाने-पीने और सुरक्षा की समस्या
तीन दिनों से लगातार पानी से घिरे गांवों के लोगों को खाने, पीने के पानी और शरण की भारी दिक्कतें हो रही हैं। बाढ़ प्रभावितों को रात के समय मगरमच्छ के हमलों का डर भी सता रहा है, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई है।
राजनगर ब्लॉक में भी बाढ़ का प्रभाव
राजनगर ब्लॉक के कम से कम 5 पंचायतों में ब्राह्मणी नदी के पानी का प्रभाव देखने को मिल रहा है। यहां लगभग 30 गांव बाहरी दुनिया से कट चुके हैं। लोगों को नाव के सहारे ही गांवों से बाहर आना-जाना करना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि हमारा गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया है और सभी संपर्क टूट चुके हैं। जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई सहायता नहीं मिली है। हम निजी नावों के सहारे जीवन जी रहे हैं, और हर दिन जान जोखिम में डालनी पड़ रही है।
बारिश और उमस के बीच जूझ रहा ओडिशा
ओडिशा में इस वर्ष मानसून की चाल अब तक काफी उतार-चढ़ाव वाली रही है। कभी तेज बारिश तो कभी लंबे सूखे की स्थिति रही है। हाल की नमी भरी उमस ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी थी। लेकिन अब यह नया निम्न दबाव क्षेत्र राज्य को एक बार फिर से झमाझम बारिश दे सकता है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस सिस्टम के विकसित होने के बाद राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान में गिरावट आ सकती है और उमस से राहत मिल सकती है। साथ ही किसानों को भी वर्षा की इस नई लहर से फायदा हो सकता है, बशर्ते बाढ़ जैसी स्थिति न बने।