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महिला फैकल्टी और छात्राओं पर लगाए गए शाम 5:30 के बाद कैंपस में रुकने के लगाया था प्रतिबंध
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एक दिन में आदेश रद्द, अब बनेगा नया जेंडर-न्यूट्रल एसओपी
भुवनेश्वर। रावेंशा यूनिवर्सिटी ने महिला फैकल्टी, स्टाफ और छात्राओं को शाम 5:30 बजे के बाद कैंपस में रुकने से रोकने वाले आदेश को भारी विरोध के बाद अगले ही दिन रद्द कर दिया है। यह आदेश 17 जुलाई को विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा कुलपति की ओर से जारी किया गया था, जिसमें सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए शाम के बाद महिला उपस्थिति पर रोक लगाई गई थी।
आदेश में कहा गया था कि “कोई भी महिला फैकल्टी, स्टाफ या छात्रा कार्यस्थल या परिसर में शाम 5:30 बजे के बाद नहीं रहेगी और यह व्यवस्था तब तक लागू रहेगी जब तक कि औपचारिक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार नहीं हो जाता।
आदेश के खिलाफ छात्र संगठनों, शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताया। इसे लैंगिक भेदभावपूर्ण, अनुचित और असंवैधानिक बताया गया। सोशल मीडिया पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन की जमकर आलोचना हुई।
विवाद बढ़ता देख प्रशासन ने आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया और अब एक नया लैंगिक रूप से तटस्थ एसओपी तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, यह नया एसओपी सभी छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा, जिसमें किसी भी तरह का लैंगिक भेदभाव नहीं होगा।
यह प्रकरण उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला अधिकारों और समानता के प्रति संवेदनशील नीतियों की आवश्यकता को फिर से रेखांकित करता है।