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महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा के लिए ओडिशा सरकार का बड़ा कदम

  •  सभी स्कूलों में लागू होंगे सख्त निर्देश

  •  डीईओ को स्कूलों में महिलाओं और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया

भुवनेश्वर। बालेश्वर के फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज की छात्रा द्वारा आत्मदाह की कोशिश और उसकी मौत के बाद उठे राज्यव्यापी आक्रोश के बीच ओडिशा सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है।

ओडिशा सरकार के स्कूल और जनशिक्षा विभाग ने राज्यभर के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को महिला कर्मचारियों और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से सख्त निर्देश जारी किया है।

इस आदेश का उद्देश्य कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाना और स्कूलों में छात्राओं के शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक-भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देना है। विभाग द्वारा जारी पत्र में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया गया है।

शैक्षणिक संस्था और छात्रावास में आईसीसी होगी

इस आदेश के तहत हर शैक्षणिक संस्था और छात्रावास में आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन या पुनर्गठन अनिवार्य किया गया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। यह आदेश डीईओ को अपने अधिकार क्षेत्र के सभी शैक्षणिक संस्थानों में सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। पत्र में कहा गया है की यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिनियम के सभी प्रावधानों का पालन प्रत्येक कार्यस्थल में अक्षरशः किया जा रहा हो और सभी पात्र संस्थानों में आईसीसी सक्रिय रूप से कार्य कर रही हो।

सुरक्षित और सहायक वातावरण पर जोर

इसके साथ ही, छात्रों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए, स्कूलों में सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाए रखने पर बल दिया गया है। विशेष रूप से लैंगिक समानता के दृष्टिकोण से ‘बरनाली’ पाठ्यक्रम को सामाजिक अध्ययन विषय के साथ एकीकृत कर प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों का स्पष्ट प्रदर्शन अनिवार्य

विभाग ने यह भी निर्देशित किया है कि सभी स्कूलों, कार्यस्थलों और छात्रावासों में महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों का स्पष्ट प्रदर्शन अनिवार्य रूप से किया जाए, जिससे आवश्यकता पड़ने पर छात्र-छात्राएं और कर्मचारी सहायता प्राप्त कर सकें। यह पहल राज्य में सुरक्षित, समावेशी और संवेदनशील शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

जारी किए गए नंबर

–    महिला हेल्पलाइन: 181

–    बाल हेल्पलाइन: 1098

–    पुलिस आपातकालीन सेवा: 112

–    स्कूली छात्र हेल्पलाइन: 1800-345-6722

प्रशासनिक सख्ती की वजह बनी छात्रा की मौत

यह आदेश उस छात्रा की मौत के बाद आया है जिसने 12 जुलाई को कॉलेज के प्रिंसिपल कक्ष के बाहर खुद को आग लगा ली थी। एम्स भुवनेश्वर में 15 जुलाई को उसकी मौत हो गई। छात्रा ने शिक्षा विभाग के प्रमुख समीर रंजन साहू पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे और कॉलेज प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप लगाया था।

शिकायत वापस लेने के लिए छात्रा पर था दबाव

परिवार का आरोप है कि शिकायत वापस लेने के लिए छात्रा पर दबाव बनाया गया और डराया गया कि उसे छह साल का शैक्षणिक बैकलॉग झेलना पड़ेगा। कॉलेज की आंतरिक जांच समिति पर भी पक्षपात का आरोप लगा।

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