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ओडिशा में शहरी विकास के लिए समृद्ध शहर योजना को मिली मंजूरी

  • मुख्यमंत्री माझी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक

  • कुल 13 प्रस्तावों को मिली स्वीकृति

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य में सुनियोजित शहरीकरण और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए एक नई महत्वाकांक्षी योजना समृद्ध शहर को मंजूरी दी है। बुधवार को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। कुल 4,879.30 करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना के साथ ही कैबिनेट ने 11 विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने बताया कि यह योजना वर्ष 2036 तक ओडिशा को विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे राज्य के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, शहरी प्रशासन, रोजगार, निजी निवेश और औद्योगिक विस्तार को मजबूती मिलेगी।

दो प्रमुख घटकों पर आधारित होगी योजना

‘समृद्ध शहर’ योजना के तहत दो प्रमुख घटक होंगे, जिसमें टाउन प्लानिंग स्कीम और ‘सिटीज ऐज ग्रोथ हब्स’ शामिल हैं। इसमें 4,114 करोड़ रुपये की लागत से टाउन प्लानिंग स्कीम लागू की जाएगी, जिससे भूमि प्रबंधन, परिसंपत्तियों का विकास और सतत शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा। वहीं ‘सिटीज ऐज ग्रोथ हब्स’ के लिए 765.30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों को आर्थिक रूपांतरण के केंद्र के रूप में विकसित करना है।

सेमीकंडक्टर नीति में संशोधन और छात्रावास शुल्क माफ

कैबिनेट ने ओडिशा सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और फैबलैस पॉलिसी-2023 में दूसरे संशोधन को भी मंजूरी दी है। संशोधित नीति में उच्च तकनीक और पूंजी-प्रधान परियोजनाओं के लिए अधिक आकर्षक प्रोत्साहन और व्यावसायिक प्रावधान शामिल किए गए हैं।

छात्रावास शुल्क को माफ करने का निर्णय

इसके अलावा, ओडिशा आदर्श विद्यालयों के 455 छात्रावासों (314 बालक व 141 बालिका) में रह रहे लगभग 45,000 छात्रों के लिए मासिक 2,000 रुपये के छात्रावास शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया गया है। यह छूट अप्रैल 2025 से मार्च 2030 तक पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगी, जिसकी कुल वित्तीय जिम्मेदारी 349.20 करोड़ रुपये होगी।

रायरंगपुर बना नया पुलिस जिला

राज्य सरकार ने मयूरभंज पुलिस जिला को विभाजित कर रायरंगपुर को नया पुलिस जिला घोषित करने का फैसला किया है। इससे पुलिस सेवा और जनसेवा की दक्षता बढ़ेगी।

आपात सेवा प्रणाली को मिलेगा नया रूप

इसके साथ ही ‘इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (डायल-112)’ योजना को 2025-26 से 2029-30 तक के लिए जारी रखने की स्वीकृति मिली है। इसके लिए 2,260.89 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। इसके तहत 4,195 नए पद सृजित किए जाएंगे, जो विभिन्न आपात स्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए नियुक्त होंगे। यह निर्णय राज्य में उच्च शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावशाली और कार्यशील बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर अध्यादेश को मंजूरी

राज्य मंत्रिमंडल ने ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश-2025 को भी स्वीकृति दी है। इसके तहत राज्यपाल (कुलाधिपति) को किसी भी विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति की नियुक्ति होने तक किसी अन्य व्यक्ति को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है।

ओआरएस सेवा की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव

ओडिशा रेवेन्यू सर्विस (ओआरएस) को अधिक सक्षम और प्रभावी बनाने के लिए उसकी भर्ती प्रक्रिया में संशोधन प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इससे सेवा की गुणवत्ता और पारदर्शिता में वृद्धि होगी।

फैक्ट्री और बॉयलर निरीक्षण सेवा में भी सुधार

ओडिशा फैक्ट्रीज़ एंड बॉयलर्स इंस्पेक्शन सर्विस में संशोधन प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। इसके तहत सहायक निदेशकों को सेवा में स्थायी नियुक्ति के लिए विभागीय परीक्षा पास करनी होगी।

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