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भुवनेश्वर, खुर्दा रोड, भद्रक और पुरी जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर स्पष्ट दिखा प्रभाव
भुवनेश्वर। एफएम कॉलेज बालेश्वर की छात्रा की मौत को लेकर गुरुवार को कांग्रेस द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के ओडिशा बंद का व्यापक असर पूरे राज्य में देखा गया। इस बंद के कारण राज्यभर की रेल सेवाएं चरमरा गईं और हजारों यात्री स्टेशन व मार्गों पर फंसे रह गए। 20 से अधिक ट्रेनें या तो रोकी गईं या फिर भारी विलंब से चलीं। बंद का प्रभाव राजधानी भुवनेश्वर, खुर्दा रोड, भद्रक और पुरी जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर स्पष्ट दिखा, जहां प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक पर बैठकर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी।
रेल ट्रैक पर पिकेटिंग, यात्री परेशान
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, कई लंबी दूरी की और एक्सप्रेस ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों की वजह से अलग-अलग स्थानों पर रोकना पड़ा। भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर यात्री घंटों लाइन में खड़े दिखे, जबकि उन्हें ट्रेनों के समय की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी। गुस्साए यात्रियों के साथ कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्टेशन में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया।
पुरी स्टेशन पर भी कुछ निर्धारित ट्रेनें निर्धारित समय पर रवाना नहीं हो सकीं। वहीं, भद्रक जिले में कांग्रेस समर्थकों के साथ महिला संगठनों ने भी पटरियों को जाम कर दिया। झंडे लहराते और नारे लगाते प्रदर्शनकारियों की वजह से वहां सभी ट्रेनों की आवाजाही ठप हो गई।
बाहर से आए श्रद्धालु हाईवे पर फंसे
रेल स्टेशनों के साथ-साथ राज्य के प्रमुख मार्गों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी बंद का असर दिखा। भद्रक जिले के बंटा चौक के पास एनएच-16 पर ग्वालियर से आए एक तीर्थयात्रियों का दल पुरी की ओर जा रहा था, जो बीच रास्ते में ही फंस गया। यात्रियों ने बताया कि उन्हें पहले से बंद की जानकारी नहीं थी और अब रास्ते में जरूरी सुविधाओं का अभाव झेलना पड़ रहा है।