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भुवनेश्वर-कटक समेत राज्यभर में बंद रहीं दुकानें
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सड़कों से गायब रहे बड़े वाहन, स्कूलों में नहीं हो सकी पढ़ाई
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कॉलेज छात्रा की मौत पर न्याय की मांग को लेकर कांग्रेस समेत आठ दलों का विरोध प्रदर्शन
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सुबह से सड़कों पर उतरे, दुकानें कराई बंद, चौक-चौराहों पर किया विरोध प्रदर्शन
भुवनेश्वर। बालेश्वर के फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की छात्रा की आत्मदाह की घटना के विरोध में गुरुवार को ओडिशा कांग्रेस समेत आठ विपक्षी दलों द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद का राज्यभर में व्यापक असर देखा गया। न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे विपक्षी कार्यकर्ताओं ने भुवनेश्वर, कटक, संबलपुर, बालेश्वर सहित कई शहरों में दुकानें बंद करवाईं और चौक-चौराहों पर प्रदर्शन किए। बंद के चलते स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित रही और सड़कों से बड़े वाहन लगभग नदारद रहे। भुवनेश्वर और कटकर में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ, खासकर सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह ठप रहा। सड़कों पर सिर्फ कुछ दोपहिया वाहन देखने को मिले।
रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन
सुबह बंद शुरू होने के दो घंटे बाद ही भुवनेश्वर और कटक में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया। कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन के पास इकट्ठा हुए और रेल सेवा को रोकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने प्लेटफार्म तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन मौके पर तैनात पुलिस बल ने उन्हें रोका और हल्की झड़पें भी हुईं। हालांकि समय पर कार्रवाई के चलते ट्रेन सेवाएं बाधित नहीं हुईं।
प्रमुख सड़कों पर टायर जलाया
शहर की प्रमुख सड़कों पर टायर जलाकर प्रदर्शनकारियों ने जाम लगा दिया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। भुवनेश्वर और कटकर के बस स्टैंड से सुबह से ही बस सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं। बाहर से आने वाले यात्रियों को शहर के भीतर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला। ऑटो और टैक्सी सेवाएं भी कई चौराहों पर रोकी गईं। इससे ऑफिस जाने वालों, मरीजों और दैनिक मजदूरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
भारी सामान के साथ पैदल चलना पड़ा
कई यात्री अपने भारी सामान के साथ पैदल चलते देखे गए। एक पर्यटक ने कहा कि मुझे भुवनेश्वर स्टेशन से ट्रेन पकड़नी है, लेकिन कोई भी ऑटो या टैक्सी मास्टर कैंटीन जाने को तैयार नहीं। मेरे पास कई बैग हैं और अब समझ नहीं आ रहा कि कैसे स्टेशन पहुंचूं।
स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं पर मिला-जुला असर
कटक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रमुख चौराहों पर पिकेटिंग कर बाजार, दुकानें और शिक्षण संस्थानों को बंद कराया। हालांकि आपातकालीन सेवाओं को बंद से छूट दी गई थी, लेकिन कई जगहों पर भ्रम की स्थिति रही। कुछ मेडिकल स्टोर खुले रहे, जबकि कई बंद पाए गए। सरकारी सिटी बसें भी बहुत सीमित संख्या में ही चलीं।
हालांकि अभी तक किसी भी बड़े हिंसक घटना की सूचना नहीं मिली है। पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती की गई है ताकि आवश्यक सेवाएं सुरक्षित रहें और किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
प्रमुख चौराहों और सड़कों पर धरना-प्रदर्शन
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सहयोगी दलों के सदस्यों ने प्रमुख चौराहों और सड़कों पर धरना-प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे कई शहरों में यातायात जाम की स्थिति बन गई और वाहनों की आवाजाही ठप हो गई।
बंद को मिला समर्थन
बंद के समर्थन में दुकानें, बाजार और निजी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। निजी शिक्षण संस्थानों ने एहतियातन कक्षाएं स्थगित कर दीं। हालांकि, आपातकालीन सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा गया था। दवाइयों की दुकानें, अस्पताल, एंबुलेंस सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं सामान्य रूप से संचालित होती रहीं।
निष्पक्ष और समयबद्ध जांच की मांग
कांग्रेस नेताओं ने एफएम कॉलेज की छात्रा की मौत मामले में राज्य सरकार पर तत्काल कार्रवाई न करने का आरोप लगाया और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए निष्पक्ष और समयबद्ध जांच की मांग की। इस बंद के माध्यम से विपक्ष ने सरकार की जवाबदेही तय करने और न्याय सुनिश्चित करने की अपनी मांग को मुखर रूप से सामने रखा है, जबकि राज्य सरकार की ओर से इस पर अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई थी।