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7 दिन में मांगी रिपोर्ट
भुवनेश्वर। छात्रा की आत्मदाह से हुई मौत के मामले को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक चार-सदस्यीय तथ्य-जांच समिति गठित की है। यह समिति घटना की सभी परिस्थितियों की जांच करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी उपाय सुझाएगी। यूजीसी ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि फकीर मोहन कॉलेज की एक छात्रा द्वारा आत्मदाह करने की मीडिया रिपोर्ट्स को ध्यान में रखते हुए, जो कथित तौर पर एक संकाय सदस्य द्वारा उत्पीड़न के चलते हुआ, आयोग ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए समिति गठित करने का निर्णय लिया है।
इस समिति की अध्यक्षता प्रो राज कुमार मित्तल (गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रोफेसर और यूजीसी सदस्य) करेंगे। अन्य सदस्यों में प्रो सुषमा यादव, पूर्व यूजीसी सदस्य, डॉ नीरज गुप्ता, कुलपति, गुजरात विश्वविद्यालय, डॉ अशीमा मंगल, संयुक्त सचिव, यूजीसी शामिल हैं।
यूजीसी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, समिति घटना से जुड़ी परिस्थितियों की गहराई से पड़ताल, कॉलेज द्वारा निर्धारित नियमों और नियामकीय प्रावधानों के अनुपालन की स्थिति का आकलन, संस्थागत स्तर पर यौन उत्पीड़न से रोकथाम और निवारण से संबंधित यूजीसी के 2015 के नियमों के तहत अधिनियम 3 के अनुपालन की स्थिति, शिकायत निवारण प्रणाली, एंटी-हैरासमेंट उपायों और छात्र सहायता तंत्र की प्रभावशीलता की जांच, संस्थागत संस्कृति, छात्र अनुभव और छात्रों को पेश आने वाली चुनौतियों का विश्लेषण, जिसमें छात्रों, शिक्षकों, प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों से बातचीत शामिल होगी, कॉलेज में लड़कियों की सुरक्षा और कल्याण हेतु अपनाए गए उपायों की ज़मीनी हकीकत की जांच करेगी।
मौके पर जाकर जांच और 7 दिन में रिपोर्ट
समिति कॉलेज परिसर में जाकर वास्तविक हालात का मूल्यांकन करेगी और यह देखेगी कि दस्तावेजों में दिए गए उपाय जमीनी स्तर पर कितने लागू हैं। सभी तथ्यों और सुझावों के साथ यह समिति 7 दिनों के भीतर यूजीसी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।