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जबरन दुकानें बंद कराने पर हुआ विवाद
 
बालेश्वर। फकीर मोहन कॉलेज की छात्रा की मौत को लेकर बुधवार को बीजद द्वारा आहूत आठ घंटे के बंद को स्थानीय व्यापारियों और आम लोगों ने सख्त विरोध के साथ नकार दिया। कई इलाकों में दुकानदारों ने बंद के आह्वान को नजरअंदाज करते हुए अपनी दुकानें खुली रखीं, जिससे बीजद कार्यकर्ताओं और व्यापारियों के बीच तीखी बहस और झड़प की नौबत आ गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बीजद कार्यकर्ता शहर के कई हिस्सों में दुकानों को जबरन बंद कराने की कोशिश कर रहे थे, जिस पर स्थानीय दुकानदारों ने कड़ी आपत्ति जताई। कई स्थानों पर दुकान बंद कराने को लेकर जमकर बहस हुई।
राजनीतिक बंद से कमाई पर असर
स्थानीय व्यापारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह के राजनीतिक बंद उनकी रोजाना की कमाई पर असर डालते हैं और आम जनता को अनावश्यक रूप से परेशानी में डालते हैं। मीडिया को दिए गए एक बयान में एक दुकानदार ने कहा कि लोग पहले से ही परेशान हैं, ऐसे में ये राजनीतिक बंद हमारी मुसीबतें और बढ़ा रहे हैं। शहर के कई हिस्सों में आम नागरिकों ने भी बंद से हो रही असुविधाओं को लेकर नाखुशी जताई, खासकर छोटे व्यवसायियों और रोजमर्रा के यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बड़ी हिंसा की खबर नहीं
हालांकि, बालेश्वर में किसी बड़ी हिंसा की खबर नहीं है, लेकिन कुछ इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण रही, जहां बीजद कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच कहासुनी बढ़ गई। एहतियात के तौर पर पुलिस को शहर के प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
सुबह से सड़कों पर उतरे बीजद कार्यकर्ता
बंद की शुरुआत सुबह 6 बजे से हुई और यह दोपहर 2 बजे तक चला। इस दौरान बीजद कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए, शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर प्रदर्शन किया, हाथों में पोस्टर और तख्तियां लिए न्याय की मांग और न्यायिक जांच की मांग करते दिखे।
बाजार, सरकारी दफ्तर बंद, यातायात भी प्रभावित
बालेश्वर शहर में अधिकांश दुकानें, बाजार, सरकारी और निजी संस्थान पूरी तरह बंद रहे। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी बेहद सीमित रही। शहर में एक तरह से सन्नाटा पसरा रहा और आम लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
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