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दक्ष और भावी नेतृत्व करने वाले छात्र-छात्राओं को तैयार करेगा केवी – धर्मेंद्र प्रधान
भुवनेश्वर। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को खुर्दा स्थित आईटीबीपी परिसर में केंद्रीय विद्यालय के स्थायी परिसर की स्थापना हेतु भूमि पूजन और अस्थायी परिसर के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय केवल ज्ञानार्जन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि 21वीं सदी की प्रमुख क्षमताओं से युक्त भावी नागरिकों के निर्माण में सहायक सिद्ध होगा।
नामांकन प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
उन्होंने बताया कि आईटीबीपी कैंपस में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना का सपना आज साकार हुआ है। विद्यालय के स्थायी कैंपस के निर्माण पर लगभग 30 करोड़ खर्च किए जाएंगे। अल्प समय में ही अस्थायी परिसर में कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाओं के लिए नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। यह विद्यालय न केवल आईटीबीपी कॉलोनी के बच्चों, बल्कि आसपास के गरीब विद्यार्थियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। प्रधान ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से खुर्दा जिले को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का एक उपहार है और आने वाले समय में यह विद्यालय एक आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित होगा।
राज्य में कुल 75 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत
शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि ओडिशा में स्वीकृत 8 नए केंद्रीय विद्यालयों को मिलाकर अब राज्य में कुल 75 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं।
34 वर्षों के बाद नई शिक्षा नीति हुई लागू
प्रधान ने ब्रिटिश काल की शिक्षा नीति की आलोचना करते हुए कहा कि लॉर्ड मैकॉले द्वारा बनाई गई नीति भारतीयों को मानसिक रूप से पराधीन बनाने की एक रणनीति थी। लेकिन 34 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई, जो भारतीयों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और सशक्त नागरिक बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
शिक्षण की भाषा मातृभाषा होनी चाहिए
उन्होंने मातृभाषा में शिक्षा देने के महत्व पर बल देते हुए कहा कि प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में होने से बच्चों के मौलिक चिंतन और कल्पनाशक्ति का विकास होता है। यदि देश को एपीजे अब्दुल कलाम जैसे वैज्ञानिक और नेता देने हैं, तो शिक्षण की भाषा मातृभाषा होनी चाहिए।
ओड़िया युवाओं को नौकरी देने वाले बनना होगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे सामने दो प्रमुख लक्ष्य हैं—2036 तक ओडिशा का विकास और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना। इसके लिए डिग्री से अधिक कौशल विकास पर बल देना होगा। उन्होंने कहा कि कौशल विकास का अर्थ केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि ड्रोन निर्माण, एआई जैसी आधुनिक तकनीकों का शिक्षण है। ओड़िया युवाओं को नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनना होगा।
महान विभूतियों ने खुर्दा की गरिमा को बढ़ाया
प्रधान ने खुर्दा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह जिला ओड़िया भाषा, शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में विशेष स्थान रखता है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बक्शी जगबंधु से लेकर प्राणनाथ पटनायक तक, कई महान विभूतियों ने खुर्दा की गरिमा को बढ़ाया है। खुर्दा ने शिक्षा, राजनीति, प्रशासन और साहित्य के क्षेत्रों में कई उत्कृष्ट प्रतिभाओं को जन्म दिया है जिन्होंने देश और राज्य में पहचान बनाई है।
कार्यक्रम में भाग लेने से पूर्व प्रधान ने आईटीबीपी परिसर स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर भुवनेश्वर सांसद अपराजिता षाड़ंगी, खुर्दा विधायक प्रशांत जगदेव सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।