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संध्या माझी बनीं ओडिशा की पहली महिला सरकारी ड्राइवर

  • वाणिज्य एवं परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव उषा पाढ़ी की आधिकारिक चालक बनीं

  • परिवहन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव दर्ज

भुवनेश्वर। ओडिशा के परिवहन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक बदलाव दर्ज हुआ है। मयूरभंज जिले की संध्या रानी माझी ने राज्य की पहली महिला सरकारी ड्राइवर बनकर न केवल अपने सपनों को साकार किया, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को लेकर चली आ रही रूढ़ धारणाओं को भी तोड़ दिया है। 45 वर्षीय संध्या की नियुक्ति राज्य परिवहन प्राधिकरण के माध्यम से हुई और उन्होंने 25 जून से अपनी सरकारी सेवा की शुरुआत की। इस नियुक्ति के साथ ही वे वाणिज्य एवं परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव उषा पाढ़ी की आधिकारिक चालक बन गई हैं।

सुलेइपट गांव की निवासी संध्या का बचपन से ही गाड़ियों के प्रति विशेष आकर्षण था। बाइक से शुरुआत करते हुए उन्होंने कार और फिर टैक्सी तक का सफर तय किया। शादी के बाद वे जशिपुर क्षेत्र में रहने लगीं और वहां टैक्सी चलाने लगीं। घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ उन्होंने भुवनेश्वर में एक ब्यूटी पार्लर में भी काम किया, लेकिन गाड़ी चलाने का जुनून कभी कम नहीं हुआ। 2011 में उन्होंने हल्के वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस हासिल किया और 2023 में छटिया ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, जाजपुर से प्रशिक्षण लेकर भारी वाहन चलाने का लाइसेंस प्राप्त किया।

संध्या बताती हैं कि उन्हें एक दिन ड्राइविंग सेंटर से कॉल आया कि राज्य सरकार में ड्राइवर की एक पदस्थापना है। उन्होंने तुरंत हामी भरी और कुछ ही दिनों बाद सरकारी सेवा में शामिल हो गईं। उनका कहना है कि बचपन से ही गाड़ी चलाना उनका सपना था और अब वह सपना एक जिम्मेदारी के रूप में सामने आया है।

उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना वरीय अधिकारियों ने भी की है। प्रमुख सचिव उषा पाढ़ी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि संध्या ने न सिर्फ स्टीयरिंग थामी है, बल्कि महिलाओं के लिए समाज में नई दिशा भी दिखाई है। उपमुख्यमंत्री प्रवाती परिडा ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है और परिवहन विभाग की यह पहल अत्यंत प्रेरणादायक है।

संध्या की यह उपलब्धि राज्य सरकार की महिला सुवाहक योजना के अंतर्गत महिलाओं को ड्राइवर के रूप में प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से जोड़ने के प्रयासों का हिस्सा है। यह उदाहरण उन अनगिनत महिलाओं को प्रेरणा देता है जो पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकलकर कुछ नया करना चाहती हैं। संध्या माझी अब केवल एक ड्राइवर नहीं हैं, बल्कि वह प्रतीक बन गई हैं उस परिवर्तन की जो समाज में महिलाओं की भूमिका को नई दिशा दे रहा है।

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