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ओडिशा में भारी बारिश का कहर
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डिप्रेशन के प्रभाव से समुद्र में उफान
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उत्तर-पश्चिम जिलों में रेड अलर्ट
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नदियों में जलस्तर बढ़ने की आशंका
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अगले 48 घंटे राज्य के लिए हो सकते हैं अत्यंत संवेदनशील
भुवनेश्वर। ओडिशा में बीते कई दिनों से जारी वर्षा का सिलसिला सोमवार को उस समय और तेज हो गया, जब बंगाल की खाड़ी और मध्य भारत के दो अलग-अलग क्षेत्रों में बने निम्न दबाव क्षेत्रों ने डिप्रेशन का रूप ले लिया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटे राज्य के लिए अत्यंत संवेदनशील हो सकते हैं और कुछ स्थानों पर 20 सेंटीमीटर से भी अधिक वर्षा दर्ज हो सकती है। आईएमडी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में रविवार को बना निम्न दबाव क्षेत्र सोमवार को एक सक्रिय डिप्रेशन में बदल गया, जो इस समय कोलकाता के उत्तर-पूर्व भाग में स्थित है। यह प्रणाली धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रही है, जिससे ओडिशा के उत्तर और तटीय जिलों में व्यापक रूप से भारी वर्षा हो रही है। इसके अतिरिक्त, उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश और उससे लगे क्षेत्रों में भी एक और निम्न दबाव प्रणाली सक्रिय हो चुकी है, जिसने राज्य के पश्चिमी इलाकों में वर्षा की तीव्रता को और बढ़ा दिया है।
कई जिलों में लगातार वर्षा
राज्य के भद्रक, जाजपुर, ढेंकानाल, अनुगूल और केंदुझर जिलों में पहले से ही लगातार वर्षा हो रही है। पारादीप रडार की जानकारी से यह स्पष्ट हुआ है कि इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बारिश रिकॉर्ड की जा रही है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इन जिलों में जलभराव, फ्लैश फ्लड और तेज हवाओं के कारण जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
50 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंची समुद्री हवाएं
उधर, समुद्र की स्थिति भी डिप्रेशन के प्रभाव से बेहद अशांत बनी हुई है। महापात्र ने बताया कि समुद्री हवाओं की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच चुकी है और लहरें उफान पर हैं। तटीय क्षेत्रों में स्थानीय चेतावनी संकेत संख्या 3 फहराया गया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। भूमि क्षेत्रों में भी हवाओं की गति 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, जिससे विशेष सतर्कता की आवश्यकता है।
कई हिस्सों में हो चुकी सामान्य से अधिक बारिश
मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 15 से 20 दिनों के दौरान बने एक के बाद एक निम्न दबाव क्षेत्रों के कारण राज्य के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। इसका असर अब नदियों पर भी दिखने लगा है। सुवर्णरेखा और बुधबालंगा नदियों में जलस्तर पहले ही बढ़ चुका है और अब महानदी, ब्राह्मणी और बैतरणी नदियों के ऊपरी और निचले जलग्रहण क्षेत्रों में भी वर्षा की मात्रा बढ़ने की आशंका है। इससे आने वाले दिनों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
19 तक जारी रहे भारी से अत्यधिक भारी बारिश का सिलसिला
आईएमडी वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया कि यह मौसम प्रणाली ओडिशा में 19 जुलाई तक सक्रिय रहेगी। इस दौरान उत्तरी, तटीय और पश्चिमी जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। वहीं दक्षिणी ओडिशा में अपेक्षाकृत कम बारिश होने की संभावना है, हालांकि कुछ क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। 17 जुलाई के बाद वर्षा की तीव्रता कुछ कम हो सकती है, लेकिन कई क्षेत्रों में रुक-रुक कर बारिश जारी रहेगी।
अब तक 24 जिलों के लिए येलो अलर्ट
आईएमडी ने अब तक 24 जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी कर रखा है, जिनमें जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, बालेश्वर, भद्रक, मयूरभंज और केंदुझर जैसे जिले प्रमुख हैं। विभाग ने इन इलाकों में निवास करने वालों से विशेष सतर्कता बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
सभी जिला प्रशासन और राहत एजेंसियां अलर्ट पर
राज्य सरकार ने संभावित आपदा से निपटने के लिए सभी जिला प्रशासन और राहत एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को पहले से सतर्क किया जा रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने निगरानी टीमों को सक्रिय कर दिया है और राहत एवं बचाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
संयम और सतर्कता जरूरी
ओडिशा इस समय गंभीर मौसमी चुनौती का सामना कर रहा है, जहां एक ओर भारी बारिश और डिप्रेशन की चेतावनी है, वहीं दूसरी ओर नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में प्रशासन और जनता दोनों को ही संयम और सतर्कता के साथ इस स्थिति से निपटना होगा।