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करीब 95 प्रतिशत शरीर झुलस, कई अंग प्रभावित
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एम्स भुवनेश्वर में कराया गया भर्ती
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डॉक्टरों की विशेष टीम कर रही निगरानी
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कथित उत्पीड़न से तंग आकर लगाई थी आग
भुवनेश्वर/बालेश्वर। बालेश्वर स्थित फकीर मोहन (एफएम) स्वायत्त कॉलेज की आत्मदाह करने वाली छात्रा गंभीर हालत में एम्स भुवनेश्वर में जिंदगी से जंग लड़ रही है। वह अब वेंटिलेटर पर है और 90% जलने की स्थिति में जिंदगी की जंग लड़ रही है।
एम्स भुवनेश्वर के सूत्रों के अनुसार, छात्रा की हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। चिकित्सकीय सलाह के अनुसार, उसकी हालत को देखते हुए एयरलिफ्ट करने का निर्णय टाल दिया गया है। हालांकि ओडिशा सरकार ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है।
अगले 48 घंटे बेहद अहम – एम्स
छात्रा की स्थिति अब भी अत्यंत गंभीर बनी हुई है। छात्रा को भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने अगले 48 घंटे को अत्यंत निर्णायक बताया है।
एम्स भुवनेश्वर के निदेशक डॉ अशुतोष बिस्वास के अनुसार, पीड़िता के शरीर का लगभग 90 से 95 प्रतिशत हिस्सा गंभीर रूप से जल चुका है, जिनमें से कई जलनें गहरी हैं और आंतरिक अंगों को गंभीर क्षति पहुंची है।
आंतरिक अंगों, विशेषकर गुर्दों को भारी नुकसान
उन्होंने बताया कि करीब 95 प्रतिशत शरीर झुलस चुका है। आंतरिक अंगों, विशेषकर गुर्दों को भारी नुकसान पहुंचा है। फिलहाल वह एडवांस लाइफ सपोर्ट पर है। उसकी स्थिति बेहद नाजुक है। अगले 24 से 48 घंटों के भीतर उसकी हालत को लेकर कोई ठोस आकलन किया जा सकेगा।
उन्होंने आगे कहा कि क्रिटिकल केयर, सर्जरी, नेफ्रोलॉजी और पल्मोनोलॉजी विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम 24 घंटे निगरानी कर रही है, लेकिन आग के धुएं के कारण पीड़िता के श्वसन तंत्र और गुर्दों की कार्यक्षमता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है, जिससे इलाज और जटिल हो गया है।
आठ सदस्यीय मेडिकल पैनल गठित
एम्स ने छात्रा के इलाज और निगरानी के लिए एक आठ सदस्यीय विशेषज्ञ टीम का गठन किया है, जिसमें क्रिटिकल केयर, नेफ्रोलॉजी, सर्जरी, पल्मोनोलॉजी और एनेस्थीसिया विभागों के विशेषज्ञ शामिल हैं। यह टीम 24 घंटे निगरानी में इलाज कर रही है।
एम्स पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन माझी, कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
बालेश्वर की छात्रा द्वारा आत्मदाह करने की कोशिश के बाद पूरे राज्य में मचे हड़कंप के बीच मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को एम्स भुवनेश्वर जाकर छात्रा की स्वास्थ्य स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दर्दनाक घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें दोषियों को बख्शना नहीं है।
विशेष टास्क फोर्स बनाई गई
इससे पहले दिल्ली दौरे से लौटने के तुरंत बाद बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि राज्य सरकार ने घटना के बाद आवश्यक कदम उठाए हैं। एक विशेष टास्क फोर्स बनाई गई है और मैं स्वयं एम्स जाकर पीड़िता की स्थिति देख रहा हूं। जैसे ही जांच रिपोर्ट आएगी, उसी के अनुसार कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों में रैगिंग और यौन उत्पीड़न को रोकना सरकार की प्राथमिकता होगी।
स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री भी पहुंचे एम्स
मुख्यमंत्री से पहले स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज भी एम्स पहुंचे। उन्होंने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की और मेडिकल टीम से उसकी स्थिति की जानकारी ली।