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कहा- युवा पीढ़ी को दें रास्ता
संबलपुर। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता जुएल ओराम ने शनिवार को स्पष्ट रूप से घोषणा की कि वे अब किसी भी प्रकार से लोकसभा या विधानसभा का सीधा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह बयान संबलपुर में आयोजित रोजगार मेला के दौरान सार्वजनिक रूप से दिया, जिससे ओडिशा की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है।
जुएल ओराम ने कहा कि मैंने पिछले चुनाव के दौरान ही यह कह दिया था कि अब मैं लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगा। अब वक्त है कि हम युवा पीढ़ी को आगे आने का मौका दें। उनके इस बयान को भाजपा की अगली पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने की दिशा में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
पार्टी में सक्रिय रहेंगे, जिम्मेदारी निभाने को तैयार
हालांकि वे चुनावी राजनीति से दूरी बना रहे हैं, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे पार्टी में पूरी तरह सक्रिय रहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा में हूं और पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे निभाऊंगा।
ओराम ने यह भी कहा कि अगर पार्टी आदेश दे तो वे चुनाव लड़ने को तैयार हैं, लेकिन उनकी व्यक्तिगत इच्छा यही है कि वे अब सीधी चुनावी राजनीति से बाहर रहें।
राज्यसभा या राज्यपाल के रूप में सेवा का संकेत
संभावित भविष्य को लेकर उन्होंने कहा कि राज्यसभा जाने या किसी राज्य का राज्यपाल बनने का विकल्प खुला है। यानी वे अब विधायिका से कार्यपालिका या अन्य प्रशासकीय भूमिकाओं में योगदान दे सकते हैं।
10 बार लड़े चुनाव, चार बार सांसद रहे
उल्लेखनीय है कि जुएल ओराम ने अब तक 10 बार चुनाव लड़ा है, जिनमें से चार बार वे सुंदरगढ़ से सांसद रह चुके हैं। वे पहली बार 1998 में लोकसभा पहुंचे थे और अटल बिहारी वाजपेयी तथा नरेंद्र मोदी दोनों की सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा जनजातीय समुदायों के कल्याण और ओडिशा के क्षेत्रीय विकास पर केंद्रित रही है। वे आदिवासी राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक माने जाते हैं।