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आंध्रप्रदेश की स्वास्थ्य टीम को चिकित्सा शिविर रोककर लौटना पड़ा
कोरापुट। ओडिशा और आंध्रप्रदेश के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद वाले कोटिया क्षेत्र में एक बार फिर से तनाव का माहौल उस समय बन गया, जब ओडिशा प्रशासन ने आंध्रप्रदेश की स्वास्थ्य टीम को चिकित्सा शिविर संचालित करने से रोक दिया।
सूत्रों के अनुसार, आंध्रप्रदेश से आई मेडिकल टीम ने कोटिया पंचायत के पनिकी और गंजेईपदर गांवों में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के तहत एक चिकित्सा शिविर आयोजित किया था। टीम ने स्थानीय ग्रामीणों को एकत्र कर स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी थी।
इसकी जानकारी मिलते ही पोट्टांगी तहसीलदार कार्यालय के अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। पनिकी गांव में अधिकारियों ने आंध्रप्रदेश की स्वास्थ्य टीम से मुलाकात कर उन्हें तत्काल शिविर रोकने और क्षेत्र छोड़ने के निर्देश दिए।
सीमा क्षेत्र में संवेदनशीलता बरकरार
पोट्टांगी तहसीलदार के अधिकारियों ने क्षेत्रीय अधिकार और प्रशासनिक सीमाओं का हवाला देते हुए टीम से कहा कि कोटिया एक संवेदनशील क्षेत्र है और इस प्रकार की गतिविधियां विवाद को और गहरा सकती हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बिना ओडिशा सरकार की अनुमति इस तरह की कोई सेवा यहां संचालित नहीं की जा सकती।
बिना विरोध टीम लौटी वापस
अधिकारियों के समझाने पर आंध्रप्रदेश की स्वास्थ्य टीम ने बिना किसी विरोध के तत्काल शिविर बंद किया और अपने राज्य लौट गई। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कोई टकराव या हिंसक स्थिति उत्पन्न नहीं हुई।
स्थानीय लोगों की स्थिति जटिल
गौरतलब है कि कोटिया क्षेत्र को लेकर ओडिशा और आंध्रप्रदेश दोनों राज्यों के बीच प्रशासनिक अधिकारों का दावा वर्षों से चलता आ रहा है। यहां के ग्रामीण दोनों राज्यों की योजनाओं, सेवाओं और दावों के बीच फंसे हुए हैं। उन्हें कभी-कभी दोहरी योजनाओं का लाभ भी मिलता है, लेकिन साथ ही साथ प्रशासनिक भ्रम और तनाव का भी सामना करना पड़ता है।
कोटिया विवाद सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन दोनों राज्य यहां सामाजिक योजनाएं, राशन वितरण, स्वास्थ्य शिविर, विकास कार्य आदि के माध्यम से अपनी उपस्थिति बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।