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भारत में नंबर-1 की दर्जा पाने से आगे निकल चुकी है विस्तार की सोच
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निदेशक डॉ अशुतोष बिस्वास ने की घोषणा
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लीवर ट्रांसप्लांट जल्द, ट्रांसप्लांट विभागों को होगा विस्तार
भुवनेश्वर। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स), भुवनेश्वर दुनिया में शीर्ष स्वास्थ्य संस्थान के रूप में अपनी पहचान स्थापित करते हुए एक मॉडल संस्थान बनेगा। इसकी विस्तार की सोच अब भारत में नंबर-1 का दर्जा पाने से आगे निकल चुकी है।
एम्स भुवनेश्वर के निदेशक डॉ अशुतोष बिस्वास ने मीडिया के साथ बातचीत करते हुए यह लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि देश में एम्स भुवनेश्वर दूसरे नंबर है। उन्होंने कहा कि मैं खुद एम्स दिल्ली से यहां आया हूं, इसलिए मेरी कुछ और आगे की योजना है।
उन्होंने कहा कि एम्स भुवनेश्वर का भारत में नंबर होने से कहीं आगे का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि एम्स भुवनेश्वर पूरी दुनिया में शीर्ष स्वास्थ्य संस्थान के रूप में अपनी पहचान स्थापित करेगा। स्वास्थ्य संस्थान की दुनिया में यह एक मॉडल बनेगा।
उन्होंने बताया कि एम्स में चिकित्सा के क्षेत्र में कई किफायती उन्नत सुविधाएं शुरू होने वाली हैं। इसलिए यह संस्थान न केवल पूर्वी भारत बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक मेडिकल हब के रूप में स्थापित हो रहा है।
लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा जल्द शुरू
डॉ बिस्वास ने बताया कि एम्स भुवनेश्वर में लीवर ट्रांसप्लांट का संचालन जल्द शुरू हो जाएगा, जिससे जटिल लीवर रोगों से पीड़ित मरीजों को बशर्ते सुविधाओं से लाभ मिलेगा। इसके साथ ही स्किन बैंक और सिकल सेल शुरू होगा। यह सेवा न केवल ओडिशा, बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
सभी ट्रांसप्लांट को मिलेगा समर्पित विभाग
उन्होंने कहा कि प्रत्येक ट्रांसप्लांट (जैसे किडनी, बोन मैरो आदि) के लिए स्वतंत्र विभाग, विशेषज्ञ टीम और विशेष ऑपरेशन थिएटर तैयार किया जाएगा। इससे मरीज को एक ही छत के नीचे, समग्र और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा मिलेगी।
प्रतिदिन आते हैं लगभग 6,000 मरीज
संस्थान में प्रतिदिन लगभग 6,000 ओपीडी मरीज आते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में सीरियस केस आते हैं। आज एम्स भुवनेश्वर पर ना सिर्फ ओडिशा के लोगों की निर्भरता है, अपितु पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दक्षिण के परोड़ी राज्यों के लोगों के लिए यह एक बड़ी उम्मीद बना है।
150 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट होगा शुरू
उन्होंने बताया कि मरीजों की देखभाल के लिए 150 बेड वाला अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर वार्ड संचालित किया जा रहा है।
500 बेड की धर्मशाला – परिवार की सुविधा
डॉ बिस्वास ने बताया कि यहां 500 बेड की धर्मशाला का निर्माण किया गया है, जिसमें मरीजों के रिश्तेदार सुरक्षित रूप से ठहर सकते हैं। धर्मशाला में भोजन, पानी, सुरक्षा और स्वच्छता की अच्छी व्यवस्था है। मात्र 50 रुपये में रहने की सुविधाएं उपलब्ध है।
पूर्वी भारत का उत्कृष्ट मेडिकल संस्थान बनने की राह पर एम्स
निदेशक ने कहा कि हमारा लक्ष्य एम्स भुवनेश्वर को एक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य, शिक्षा और अनुसंधान केंद्र बनाना है। हम मेडिकल शिक्षा, शोध और रोगी सेवा में नई ऊँचाइयाँ छू रहे हैं। एम्स भुवनेश्वर की यह योजना न केवल अस्पताल के रूप में, बल्कि शोध, नवाचार और मानव सेवा के क्षेत्र में भी एक आदर्श केंद्र बनने की दिशा में कदम है।
आधुनिक सुविधाओं का विस्तार
उन्होंने बताया कि एम्स भुवनेश्वर एआई आधारित तकनीकी सुविधाओं को अपनाने की ओर अग्रसर है। साथ ही एम्स की सभी व्यवस्थाएं एवं सेवाएं डिजिटल हैं।
सरकार व प्रशासन का योगदान
डॉ. बिस्वास ने प्रधानमंत्री के ‘स्वस्थ भारत’ अभियान और केंद्र-राज्य सरकारों के सहयोग की सराहना की और कहा कि यही सहयोग भविष्य में संस्थान को नए मुकाम तक पहुंचाएगा।
विस्तार के लिए जमीन की जरूरत
डा विस्वाल ने कहा कि एम्स भुवनेश्वर की सोच काफी आगे निकल चुकी है। हमें विस्तार के जमीन की जरूरत है और हमने सरकार से बात की है। उन्होंने कहा कि जितनी जमीन मिलेगी, उतना बड़ा विस्तार हम कर सकते हैं।