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ओडिशा में ऐतिहासिक फैसला, मेंटेनेंस नहीं देने पर कटेगा बिजली-पानी कनेक्शन

  • भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण ने लिया एक अभूतपूर्व निर्णय

  • रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को मिला पानी-बिजली काटने का अधिकार

भुवनेश्वर। ओडिशा में अपार्टमेंट स्वामियों और रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों के लिए एक बड़ी राहत और सशक्तिकरण के रूप में भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने एक अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए स्पष्ट किया है कि मेंटेनेंस शुल्क का लगातार भुगतान नहीं करने वाले फ्लैट मालिकों की आवश्यक सेवाएं, जैसे पानी और बिजली, वैध रूप से काटी जा सकती हैं।

यह निर्णय राज्य के हालिया लागू ओडिशा अपार्टमेंट (स्वामित्व एवं प्रबंधन) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों के तहत लिया गया है। यह पहला मौका है, जब किसी नियामक संस्था ने आधिकारिक रूप से किसी अपार्टमेंट संघ को ऐसी शक्तियां प्रदान की हैं।

चार डिफाल्टर बने कारण

यह विवाद राजधानी भुवनेश्वर के एक प्रमुख आवासीय परिसर से जुड़ा है, जहां लगभग 160 फ्लैट मालिकों में से चार निवासी लगातार मेंटेनेंस शुल्क नहीं दे रहे थे। जब बिल्डर से आम क्षेत्र (कॉमन एरिया) की जिम्मेदारी पंजीकृत संघ ने विधिवत रूप से अपने हाथों में ले ली, तब भी ये निवासी भुगतान से बचते रहे।

इन चार फ्लैट मालिकों का तर्क था कि चूंकि संघ पहले अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं था, इसलिए परिसर के रखरखाव की जिम्मेदारी अब भी बिल्डर की ही है। इसपर संघ ने कागजात पेश करते हुए यह स्पष्ट किया कि अब वे विधिवत रूप से पंजीकृत हैं और अधिनियम के तहत उन्हें सभी अधिकार प्राप्त हैं।

बीडाए का कानूनी रुख : अधिनियम की धारा 19(1) का उल्लेख

इस विवाद की सुनवाई के बाद, बीडीए ने ‘ओडिशा अपार्टमेंट (स्वामित्व और प्रबंधन) अधिनियम, 2023’ की धारा 19(1) का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि यदि कोई फ्लैट मालिक तीन महीने से अधिक समय तक मेंटेनेंस शुल्क नहीं चुकाता है, तो एसोसिएशन को यह अधिकार है कि वह उस फ्लैट की आवश्यक सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर सके।

बीडीए ने आदेश में कहा कि जो निवासी तीन माह से अधिक समय तक साझा खर्चों (कॉमन एक्सपेंसेस) में योगदान नहीं देते, उनके विरुद्ध उचित चेतावनी देने के बाद एसोसिएशन आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति को निलंबित कर सकती है।

बकायेदारों को एक महीने की मोहलत

बीडीए ने संबंधित चार फ्लैट मालिकों को एक महीने की समयसीमा दी है, जिसके भीतर उन्हें अपने बकाया का भुगतान करना होगा। यदि तय समय सीमा के भीतर भुगतान नहीं किया गया, तो रेसिडेंट एसोसिएशन कानूनी तरीके से बिजली, पानी जैसी आवश्यक सेवाएं निलंबित कर सकेगा।

रीयल एस्टेट सेक्टर ने फैसले का स्वागत किया

वास्तविक संपत्ति (रीयल एस्टेट) से जुड़े विशेषज्ञों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। रियल्टी विश्लेषक बिमलेंदु प्रधान ने कहा कि अपार्टमेंट जीवन शैली में सामूहिक भागीदारी ही मुख्य आधार होती है। जब कुछ लोग जानबूझकर मेंटेनेंस का भुगतान नहीं करते हैं, तो पूरी सोसायटी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीडीए का यह फैसला सभी को अपने उत्तरदायित्वों की याद दिलाता है और नियमों के पालन को सुनिश्चित करता है।

अब संघों को मिलेगा कानूनी बल

यह निर्णय अन्य अपार्टमेंट परिसरों के लिए भी एक नजीर बन सकता है। अब पंजीकृत रेसिडेंट एसोसिएशनों को केवल चेतावनी तक सीमित नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि वे कानूनी रूप से आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति बंद कर पाने में सक्षम होंगे। इससे सामूहिक व्यवस्था और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

मील का पत्थर साबित होगा फैसला

कहा जा रहा है कि बीडीए का यह आदेश ओडिशा में अपार्टमेंट प्रबंधन के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न सिर्फ संघों को अधिकार देता है, बल्कि सभी निवासियों को यह सख्त संदेश भी देता है कि अधिकार के साथ-साथ जिम्मेदारी निभाना भी जरूरी है।

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