भुवनेश्वर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित ‘संविधान बचाओ रैली’ को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस रैली को ‘कांग्रेस के शहज़ादे का राजनीतिक पर्यटन’ बताते हुए इसे ‘संविधान बचाओ नहीं, बल्कि कांग्रेस बचाओ’ अभियान करार दिया।
धर्मेंद्र प्रधान ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ओडिशा में भाजपा की जनहितैषी सरकार के प्रति जनता का अटूट विश्वास कांग्रेस को विचलित कर रहा है। राज्य में कांग्रेस का अब कोई वजूद नहीं बचा है। गरीब, दलित, आदिवासी, किसान और मजदूरों ने कांग्रेस को वर्षों पहले नकार दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी का ओडिशा के गरीबों की चिंता जताना केवल एक छलावा है। कांग्रेस का इतिहास हमेशा से गरीबों और कमजोर वर्गों के अधिकारों की अनदेखी करने का रहा है। कांग्रेस शासनकाल में दिल्ली से भेजी गई राशि को बिचौलिए हड़प जाते थे और एससी, एसटी तथा पिछड़े वर्गों के अधिकारों को कांग्रेस ने अपने वोटबैंक की राजनीति के लिए त्याग दिया ।
उन्होंने यह भी कहा कि जब तक कांग्रेस सत्ता में नहीं होती, तब तक गरीबों के अधिकार और आदिवासियों की जमीन सुरक्षित रहती है।
प्रधान ने महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस की हालिया हार की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब पार्टी लोकतांत्रिक संस्थाओं और चुनाव आयोग को निशाना बनाकर अपनी विफलता का दोष दूसरों पर मढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि वही कांग्रेस आज संविधान बचाने की बात कर रही है, जिसने देश में आपातकाल थोपकर लोकतंत्र और संविधान दोनों का गला घोंटा था,”
राहुल गांधी के हालिया बयानों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “राहुल गांधी की स्थिति आज ‘नाच न जाने, आंगन टेढ़ा’ जैसी हो गई है। बार-बार की चुनावी हार के बाद अब बिहार चुनावों से पहले कांग्रेस ‘वोट चोरी’ का नया शिगूफा लेकर आई है।”
प्रधान ने विश्वास जताया कि ओडिशा सहित देश की जनता अब कांग्रेस और राहुल गांधी की “राजनीतिक नौटंकी और फरेब” को भली-भांति पहचान चुकी है और हर चुनाव में उन्हें करारा जवाब देती रहेगी।
उन्होंने कांग्रेस को “जनविरोधी और संविधान विरोधी” करार देते हुए कहा कि देश की जनता अब जागरूक है और ऐसे दलों को दोबारा सत्ता में आने का मौका नहीं देगी।