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सेवाएं ठप, बातचीत बेनतीजा
भुवनेश्वर। ओडिशा में ऑल ओडिशा ड्राइवर महासंघ की हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही, जिससे राज्यभर में यातायात व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है। ड्राइवरों की इस ‘स्टीयरिंग व्हील ऑफ’ हड़ताल के कारण न केवल यात्रियों को परेशानी हो रही है, बल्कि वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।
अब तक सरकार और संघ के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। हजारों ड्राइवरों के वाहन संचालन बंद करने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
सात सूत्रीय मांगों पर अडिग है महासंघ
ड्राइवर महासंघ ने सरकार के साथ बातचीत में अपनी सात प्रमुख मांगें दोहराई हैं, जिनमें सभी ऑटो चालकों को ड्राइवर कल्याण बोर्ड में शामिल करना, राज्य राजमार्गों पर हर 100 किलोमीटर पर शौचालय की व्यवस्था, ड्राइवरों पर हमलों से सुरक्षा, खनन क्षेत्रों में ओड़िया ड्राइवरों को प्राथमिकता देना, ड्राइवर दिवस के रूप में 1 सितंबर को मान्यता देना शामिल हैं। हालांकि सरकार की ओर से कुछ मांगों पर सैद्धांतिक सहमति जरूर जताई गई है, लेकिन अब तक कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया है।
बिना अध्यक्ष की मौजूदगी के रुकी बातचीत
बुधवार को परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना के निवास पर साढ़े तीन घंटे और खारवेल भवन में सीनियर अधिकारियों के साथ ढाई घंटे तक बातचीत चली। हालांकि, महासंघ के अध्यक्ष प्रशांत मेंडुली की अनुपस्थिति में कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका। संघ के जिला स्तरीय नेताओं ने कहा है कि जब तक अध्यक्ष मेंडुली अंतिम निर्णय नहीं लेते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
यातायात ठप, लेकिन आपात सेवाएं चालू
हड़ताल के कारण इंटर-डिस्ट्रिक्ट बस सेवाएं, मालवाहक गाड़ियां, टैक्सी और ऑटो सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, संबलपुर जैसे शहरों में बस स्टैंड खाली नजर आए और यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
हालांकि, महासंघ ने आपातकालीन सेवाओं को इस हड़ताल से मुक्त रखा है। एम्बुलेंस, अग्निशमन सेवा और आपदा राहत वाहनों को संचालन की अनुमति दी गई है। साथ ही, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को भी रोकने का निर्देश नहीं दिया गया है।
आने वाले दिनों में बढ़ सकती है संकट की आशंका
जैसे-जैसे हड़ताल लंबी खिंचती जा रही है, खाद्यान्न, दवाइयों और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर संकट गहराने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। सरकार और महासंघ के बीच बातचीत का अगला दौर कब होगा, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।