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कई क्षेत्रों में सेवाएं रहीं ठप, सड़कों पर भी दिखा असर
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बैंकों के शटर डाउन
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सड़क पर उतरे श्रमिक संगठन और किसान समूह
भुवनेश्वर। देशव्यापी भारत बंद का व्यापक असर बुधवार को ओडिशा में भी देखने को मिला, जहां कई क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। राजधानी भुवनेश्वर समेत विभिन्न जिलों में बैंकिंग सेवाएं, डाक वितरण और परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित रही।
यह बंद देशभर में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और किसान-ग्रामीण श्रमिक संगठनों के संयुक्त आह्वान पर आयोजित किया गया, जिसमें इंटक, एटक, सीटू और एचएमएस जैसे प्रमुख संगठनों ने भाग लिया। बंद का उद्देश्य केंद्र सरकार की श्रम सुधार नीतियों, निजीकरण और कृषि संकट के खिलाफ विरोध जताना था।
राजधानी में यातायात जाम, चौराहों पर प्रदर्शन
भुवनेश्वर में प्रदर्शनकारियों ने मास्टर कैंटीन चौक, वाणीविहार, जयदेव विहार और राजमहल चौक पर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। इसके चलते सुबह से ही यातायात पूरी तरह ठप रहा और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और श्रमिक अधिकारों की रक्षा की मांग की।
बैंकों के शटर डाउन, सेवाएं ठप
राज्य के अधिकांश बैंकों में ताले लगे रहे। बैंकों में कर्मचारियों की उपस्थिति रही, लेकिन सेवाएं ठप रहीं। पैसों का लेन-देन बाधित रहा।
कोणार्क में बंद से पर्यटन भी प्रभावित
कोणार्क में सूर्य मंदिर के सामने प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी, जिससे पर्यटक मंदिर में प्रवेश नहीं कर सके। चंद्रभागा समुद्र तट, बस स्टैंड और अन्य पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा रहा। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ा और सैलानी मायूस होकर लौट गए।
आपात सेवाएं रहीं चालू, पर प्रभावित
हालांकि अस्पताल, दवा दुकानें और अन्य आवश्यक सेवाएं बंद के दायरे से बाहर थीं, लेकिन स्टाफ की कमी और आवागमन बाधित होने के कारण कुछ सेवाएं प्रभावित हुईं।
श्रमिकों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शनकारियों ने चार नए श्रम संहिता को रद्द करने, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण पर रोक, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसी मांगें रखीं।
बंद में अनुमानतः 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों की भागीदारी रही, जिनमें कई अप्रत्यक्ष रूप से बंद का समर्थन करते देखे गए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका व्यापक असर देखने को मिला।
प्रशासन सतर्क, स्थिति नियंत्रण में
राज्य प्रशासन ने संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती की थी। कुल मिलाकर बंद शांतिपूर्ण रहा, हालांकि जनजीवन पर इसका व्यापक असर पड़ा।