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कोर्ट में रत्नाकर के साथ टेलीफोन पर बातचीत का प्रमाण पेश नहीं कर सके वकील
भुवनेश्वर। भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू पर हुए हमले के मामले में बड़ी कानूनी राहत देते हुए खुर्दा जिला एवं सत्र न्यायालय ने बुधवार को भाजपा नेता जगन्नाथ प्रधान को जमानत दे दी।
प्रधान ने बीते सप्ताह गुरुवार रात भुवनेश्वर डीसीपी कार्यालय में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर एसडीजेएम कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। प्रारंभिक सुनवाई में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
गंभीर धाराओं में हुई थी गिरफ्तारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्राथमिकी, शिकायतकर्ता के बयान और जांच के दौरान जुटाए गए प्राथमिक साक्ष्यों के आधार पर प्रधान की गिरफ्तारी की गई थी। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई गंभीर धाराएं लगाई गई थीं, जिनमें धारा 121(1), 121(2), 132, 189(2), 190, 3(5), 304/333, 351(2), 54/61(2) और 62 शामिल हैं।
ये धाराएं लोकसेवकों पर हमला, सरकारी कार्य में बाधा डालना और गंभीर चोट पहुंचाने जैसे अपराधों से संबंधित हैं।
कोर्ट ने मांगा था टेलीफोन वार्तालाप का प्रमाण
जमानत सुनवाई के दौरान प्रधान के अधिवक्ता सुरेश कुमार साहू ने बताया कि कोर्ट ने सरकारी वकील से जगन्नाथ प्रधान और रत्नाकर साहू के बीच हुई टेलीफोन बातचीत का प्रमाण मांगा था, लेकिन वह इसे प्रस्तुत करने में विफल रहे। साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने प्रधान को 30,000 रुपये की जमानत राशि पर जमानत दी।
अन्य आरोपी 15 जुलाई को पेश होंगे
इस मामले में पुलिस ने पहले ही छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। जबकि जगन्नाथ प्रधान को आज जमानत मिल गई, बाकी पांच आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई 15 जुलाई को होगी।